Rajasthan

बहन के घर मायरा भरने ऐसे पहुंचे भाई…देखता रह गया पूरा गांव, छन-छन की आवाज सुन राहगीर हुए अचम्भित

Last Updated:February 27, 2025, 14:01 IST

Brother Reached Sister’s Village By Bullcort : भीलवाड़ा के मोटरों का खेड़ा में भाईयों ने बहन का मायरा पारंपरिक तरीके से बैलगाड़ी से भरा. सजे धजे बैलों और पारंपरिक गीतों ने माहौल को संगीतमय बना दिया.बहन के घर मायरा भरने ऐसे पहुंचे भाई...देखता रह गया पूरा गांव, छन-छन की आवाज...

बैलगाड़ी पर सवार होकर पहुंचे भाई

हाइलाइट्स

भाईयों ने बहन का मायरा बैलगाड़ी से भरा.सजे धजे बैलों और पारंपरिक गीतों ने माहौल संगीतमय बनाया.परिवार ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया.

भीलवाड़ा : आज के हाईटेक जमाने में बदलते वक्त के साथ शादियां आधुनिक हो रही हैं और इन दिनों  विशेष तौर पर शादियों में लग्जरी गाड़ी और हेलीकॉप्टर का ट्रेंड बनता जा रहा है ऐसे में आधुनिक साधनों को छोड़कर भीलवाड़ा का एक परिवार पुरानी परम्परा को अपनाया है. इसके तहत भाई अपनी बहन का मायरा भरने के लिए न केवल अपने परिवार के साथ गया बल्कि करीब बैलगाड़ी लेकर पौराणिक तोड़ तरीके साथ मायरा भरा है.

भीलवाड़ा जिले के मोटरों का खेड़ा ग्राम पंचायत क्षेत्र के फांदूं की झोपड़ियां गांव में बहन के घर पर मायरा (भात) भरने के लिए बरूंदनी ग्राम पंचायत क्षेत्र के चाड़ा की झोपड़ियां गांव से भाई बैलगाड़ी से आए हैं.  सजे धजे बैलों के गलों में बंधी घंटियों की गूंजती ध्वनि और पैरो में बंधे घुंघरुओं की रुनझुन से वातावरण संगीतमई हो गया उस पर ग्राम्यांचल परिवेश में सुसज्जित महिलाएं पारंपरिक गीतों को गाते हुए चार चांद लगा रही थी. मशक की धुनों पर गूंजते ग्राम्यांचली संगीत पर नृत्य करते स्त्री पुरुष पुरानी यादें ताजा कर रहे थे.

पुरानी संस्कृति के अनुसार भाई अपनी बहन के ससुराल फांदू की झोंपड़िया गांव में भात यानी मायरा भरने बैलगाड़ी से पहुंचे. चाड़ा की झोपड़ियां गांव से 1 दर्जन से अधिक बैलगाड़ियों में मायरा लेकर भाई बहन के ससुराल फांदू की झोपड़ियां गांव पहुंचे. बैलगाड़ियों को खींचने वाले बैलों का विशेष श्रृंगार किया गया. बैलों के गले में घुघरू बांधे गए. परिजन व रिश्तेदार मशक के गाजे बाजे के साथ नाचते गाते चल रहे थे.

शादी विवाह में कुछ वर्गों में एक ओर पाश्चात्य संस्कृति का बोलबाला बढ़ रहा है वहीं दूसरी ओर कृषक परिवार अपनी प्राचीन परंपराओं को पुनः अपनाना शुरू कर रहे है इसे देख सभी ने सराहना की हैं मोटरों का खेड़ा में अपनी बहन बरजी बाई के मायरा भरने के लिए भाई चाड़ा की झोपड़ियां के मोडा गुर्जर, भेरू गुर्जर, विजय राम गुर्जर, कैलाश गुर्जर, बजरंग गुर्जर, शंकर गुर्जर, सीता राम गुर्जर, राधे श्याम गुर्जर नाचते गाते 1 लाख का मायरा भरने पहुंचे हैं

पुरानी रीति रिवाज को किया शुरूमोडा गुर्जर और भेरू गुर्जर, कहते हैं कि आजकल के दौर में देखा जाता है कि हर कोई व्यक्ति शादियों में फिजूल की खर्ची करते हैं और कई लोग तो लग्जरी गाड़ी और हेलीकॉप्टर मिलवाते हैं जिससे यह केवल एक दिखावे की शादी हो जाती है और ऐसे से कहीं ना कहीं पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचता है बैलगाड़ी के माध्यम से हम पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश देना चाहते हैं और हर एक व्यक्ति से अपील करते हैं कि अपनी परंपरा को याद रखनी चाहिए और इसे हमेशा जिंदा रखना चाहिए.


Location :

Bhilwara,Rajasthan

First Published :

February 27, 2025, 14:01 IST

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बहन के घर मायरा भरने ऐसे पहुंचे भाई…देखता रह गया पूरा गांव, छन-छन की आवाज…

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