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Budgam Assembly Bypolls: कश्मीर में बडगाम विधानसभा के लिए दिलचस्प मुकाबला, तीन ‘आगा’ के बीच टक्कर

बडगाम (जम्मू-कश्मीर). मध्य कश्मीर में बडगाम विधानसभा क्षेत्र के लिए उपचुनाव दिलचस्प हो गया है, जिसमें राजनीतिक रूप से प्रभावशाली शिया समुदाय के तीन मजबूत सदस्य एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला 2024 के विधानसभा चुनाव में बडगाम और गांदेरबल सीट से विजयी हुए थे और बाद में उन्होंने अब्दुल्ला परिवार के गढ़ माने जाने वाले गांदेरबल सीट को अपने पास रखा तथा बडगाम सीट से इस्तीफा दे दिया जिसकी वजह से उप चुनाव आवश्यक हो गया. इस खाली सीट से अब नेशनल कॉन्फ्रेंस से आगा सैयद महमूद, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) से आगा सैयद मुंतजिर मेहदी और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से आगा सैयद मोहसिन अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

पूर्व मंत्री महमूद ने विपक्षी दलों द्वारा नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार की आलोचना को खारिज कर दिया. उन्होंने पांच साल के काम का हिसाब 12 महीनों में ही मांगने को ‘अनुचित’ करार दिया, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में ‘दोहरी शक्ति प्रणाली’ की जटिलताओं के मद्देनजर.

महमूद ने कहा, “उमर अब्दुल्ला ने जो निष्ठा दिखायी है वह अद्वितीय है और मेरा मानना ​​है कि कोई भी उनके प्रयासों की बराबरी नहीं कर सकता.” उन्होंने ‘दरबार स्थानांतरण’ की घोषणा और आरक्षण पर मंत्रिमंडल की उप-समिति की रिपोर्ट को उपराज्यपाल को भेजे जाने जैसे हालिया सरकारी फैसलों का जिक्र किया.

अपने रिश्तेदार और पीडीपी उम्मीदवार मेहदी की चुनौती पर महमूद ने कहा, “यह राजनीति है और राजनीति में बेटा भी अपने पिता के खिलाफ लड़ सकता है…हालांकि हमारा पारिवारिक रिश्ता है, लेकिन हम दो अलग-अलग पार्टियों से हैं. हम दोनों को इस आजादी का आनंद लेने दीजिए.” बडगाम उपचुनाव प्रचार से पार्टी सांसद आगा रूहुल्लाह की अनुपस्थिति पर महमूद ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.

नेशनल कॉन्फ्रेंस नीत सरकार की कुछ नीतियों के आलोचक रहे रूहुल्लाह ने बडगाम उपचुनाव में पार्टी के लिए प्रचार करने से इनकार कर दिया है. पीडीपी के मेहदी न केवल विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं, बल्कि वह ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा लोगों की उपेक्षा किए जाने’ के मुद्दे पर भी चुनाव लड़ रहे हैं.

मेहदी ने अब्दुल्ला पर लोगों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया. उन्होंने दावा किया कि अब्दुल्ला ने भारी मत से जीतने पर बडगाम सीट कायम रखने का वादा किया था लेकिन एक हफ्ते में ही इस सीट से इस्तीफा दे दिया. तीसरे उम्मीदवार आगा, भाजपा के मोहसिन को नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी दोनों के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर का भरोसा है. उन्होंने कहा, “नेशनल कॉन्फ्रेंस सफल नहीं हुई है. उसने आज तक बडगाम के लिए क्या किया है? उसने 50 साल तक शासन किया…और पीडीपी ने 2002 से बडगाम की उपेक्षा की है.”

मोहसिन ने दावा किया कि केंद्र में भाजपा के एक दशक लंबे शासन के दौरान जम्मू-कश्मीर में विकास हुआ. उन्होंने उपचुनाव में भाजपा की जीत का दावा करते हुए कहा, “लोगों को अनुच्छेद 370 या राज्य के दर्जे की परवाह नहीं है, वे विकास और रोजगार चाहते हैं.” बडगाम उपचुनाव के लिए अब तक 20 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन दाखिल किया है. इस सीट के लिए 11 नवंबर को मतदान होगा. अब्दुल्ला ने बडगाम से 36,010 वोटों के साथ जीत हासिल की थी, जबकि पीडीपी के मेहदी को 17,525 वोट मिले थे.

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