परंपरागत खेती के नुकसान से हैं परेशान, शुरू करें फलों की बगावानी, इन आसान उपाय से लाखों में होगी कमाई

सीकर. अगर आप एक किसान हैं और परंपरागत को छोड़कर आधुनिक खेती करने की सोच रहे हैं तो आप फलों के बाग लगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आज हम आपको फलों के बागान से संबंधित पूरी जानकारी बताएंगे. किसान फलदार पौधे लगाने से पहले इन जरूरी बातों का ध्यान रखें. एग्रीकल्चर एक्सपर्ट राहुल खेदड़ ने बताया कि फलों के पौधे लगाने से पहले मिट्टी की जांच अवश्य कराएं.
इसके अलावा फलों के बगीचों के लिए गहरी, दोमट या बलुई दोमट मिट्टी अच्छी रहती है. साथ ही किसान ध्यान रखें कि जमीन में अधिक गहराई तक कोई भी सख्त परत नहीं होनी चाहिए. खेत में जल निकासी का सही इंतजाम हो और उन्नत किस्म के पौधों का चयन करना चाहिए.
इन वायुरोधी पौधे को लगाना रहेगा फायदेमंद
एग्रीकल्चर एक्सपर्ट राहुल खेदड़ ने बताया कि गर्म व ठंडी हवाओं से रक्षा करने के लिए खेत के चारों ओर देसी आम, जामुन, बेल, शहतूत, खिरनी, देसी आंवला, कैथा, शरीफा, करौंदा, इमली, पपीता, मोसंबी, नींबू आदि फलों के पेड़ लगाएं. इन से भी कुछ आमदनी भी होगी और खेत गर्म और सर्द हवाओं से भी बचा रहेगा.
जान लें पौधों को लगाने की विधि
एग्रीकल्चर एक्सपर्ट ने बताया कि पौधों के बीच उचित दूरी रखें. पौधों की रोपाई जुलाई-अगस्त में करना फायदेमंद रहता है. साथ ही इस बात का ख्याल जरूर रखें की पौधे की रोपाई शाम को ही करें. पौधे को रोपने से 2 घंटे पहले लिपटी हुई घास पिंड व पॉलिथीन थैली को थोड़े समय के लिए पानी में रख कर उसमें भरी हवा को बाहर निकालें, जिससे पौधा लगाते समय पिंड की मिट्टी बिखरे नहीं. पौधा लगाने से पहले लिपटी हुई घास व पॉलीथीन थैली को मिट्टी के पिंड से हल्के से हटा देना चाहिए व जड़ों को पूरी तरह बचा कर रखना चाहिए.
इन बातों का भी रखें ख्याल
एग्रीकल्चर एक्सपर्ट के अनुसार, शुरू के 2 महीने तक पौधों को पानी की ज्यादा जरूरत होती है. इस समय 2-3 दिनों के अंतर पर पानी देना चाहिए. 2 सिंचाइयों के बीच का समय जमीन, फलों की किस्म, फलन का समय व वहां की जलवायु आदि पर निर्भर करता है. बारिश होती रहे तो पानी देने की जरूरत नहीं होती है और सर्दी में 10 से 15 दिनों के अंतर पर सिंचाई करें. गर्मी में 7 से 10 दिनों के अंतराल पर सिंचाई करें, अतिरिक्त पानी की निकासी की व्यवस्था रखें.