कम सिंचाई में बंपर पैदावार, शुष्क जगहों के लिए ये फसल है कुबेर का खजाना, किसान हो जाएंगे मालामाल

Last Updated:April 08, 2025, 13:19 IST
Agriculture Tips: नागौर के कई इलाकों में पानी की कमी के चलते किसान परेशान रहते हैं, लेकिन वे पीली सरसों की खेती बड़ी ही आसानी से कम पानी में केवल बारिश के पानी से भी कर सकते हैं और बेहतर मुनाफा कर सकते हैं, तो …और पढ़ेंX
पीली सरसों का खेत
हाइलाइट्स
नागौर में कम पानी में पीली सरसों की खेती संभवपीली सरसों की फसल 3 महीने में तैयार होती है1 क्विंटल पीली सरसों से 33-41 लीटर तेल मिलता है
नागौर. राजस्थान के नागौर जिले के कई इलाकों में पानी की कमी है और शुष्क इलाकों में तो खेती करने के लिए पानी की आवश्यकता होती है. पानी के अभाव में किसान खेती नहीं कर पाते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी चीज की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे करने के लिए आपको ज्यादा पानी की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. यह खेती मात्र 3 महीने में ही हो जाती है और इसका मार्केट में अच्छा दाम भी मिल जाता है. दरअसल नागौर जिले के कुचामन , डीडवाना , परबतसर, डेगाना सहित अनेकों गांवों के किसान पीली सरसों की खेती, बिना पानी या केवल बारिश के पानी से ही करके अत्यधिक पैदावार करके मुनाफा कमा सकते हैं, और अपने परिवार का खर्च आराम से चला सकते हैं. तो चलिए जानते हैं पीली सरसों की खेती के बारे में , कैसे होती है इसकी सिंचाई और कितना होता है मुनाफा
पीली सरसों की खेतीपीली सरसों आमतौर पर तेल और मसाले के लिए उगाई जाती है. पीली सरसों की कई प्रजातियां होती है, जिसमें नरेंद्र सरसों, पितांबरी, पूसा सरसों, आदि नाम शामिल होते हैं. पीली सरसों एक ठंडी रितु मौसम की फसल है जो धूप वाली जगह और उपजाऊ और अच्छी मिट्टी में होती है. इसके बीज को जमीन में आधा इंच गहरा तीन-तीन इंच पर बोया जाता है.
3 महीने में तैयार होती है फसलपीली सरसों की फसल को किसान के द्वारा शुष्क इलाकों में नवंबर – दिसंबर महीने में बोया जाता है और उसके बाद मात्र एक दो बार होने वाली बारिश के पानी से ही इसकी पैदावार अच्छी मात्रा में होती है ,और फिर इसे पकने में 80 से 90 दिन तक लग जाते हैं. करीब 3 महीने फसल पकने के बाद इसका रंग पीला पड़ जाता है. फिर इसकी मार्च के आखिरी सप्ताह या अप्रैल में कटाई की जाती है. खास बात यह है कि इसकी कटाई( लावणी) हाथों से ही की जाती है और तुरंत आसानी से उखड़ भी जाती है.
फसल के मिलते हैं अच्छे दामबता दें, 1 क्विंटल पीली सरसों से करीब 33-41 लीटर तेल निकलता है और 55 किलो के करीब खली (खल) निकलती है. इस तरह 25 क्विंटल पीली से लगभग 1050 लीटर तेल निकलेगा. साथ ही करीब 1400 किलो खल भी निकलेगी जो पशुओं का मुख्य आहार होता है. अभी रिटेल में तेल के भाव 170-190 रुपये लीटर है तो आप आसानी से 150-170 रुपये लीटर के हिसाब से तेल बेच सकते हैं. या कृषि उपज मंडी में आप सीधे पीली सरसों की फसल को अच्छे दामों में बेच सकते हैं.
पीली सरसों का उपयोगकिसानों द्वारा नागौर के शुष्क इलाकों में पीली सरसों की खेती की जाती है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के मसाले एवं उच्च गुणवत्ता का खाद्य पदार्थ तेल के रूप में किया जाता है. इसके साथ ही पीली सरसों का उपयोग हिंदू धर्म में पूजा पाठ तंत्र आदि में भी किया जाता है.
Location :
Nagaur,Rajasthan
First Published :
April 08, 2025, 13:19 IST
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कम सिंचाई में बंपर पैदावार, शुष्क जगहों के लिए ये फसल है कुबेर का खजाना, जानें