Bundi Festival 2025 | Bundi Mahotsav Rajasthan | Cultural festival India | Rajasthan tourism events

रिपोर्ट: देवेन्द्र सेन
बूंदी. राजस्थान की ऐतिहासिक और धार्मिक नगरी छोटी काशी, बूंदी में शनिवार को तीन दिवसीय सतरंगी बूंदी महोत्सव 2025 का भव्य शुभारंभ हुआ. शहर की हवाओं में लोकसंस्कृति, संगीत, और परंपरा की सुगंध घुल गई जब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने गढ़ पैलेस में ध्वजारोहण कर महोत्सव का औपचारिक शुभारंभ किया.
इस अवसर पर ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि पूर्व राजपरिवार के सदस्य वंशवर्धन सिंह, जिला कलेक्टर अक्षय गोदारा, पुलिस अधीक्षक राजेंद्र मीणा और अन्य गणमान्य जन भी समारोह में शामिल हुए.
गढ़ पैलेस में कला और संस्कृति का संगमशुभारंभ के साथ ही गढ़ पैलेस के प्रांगण में कैनवास पेंटिंग वर्कशॉप का उद्घाटन किया गया, जहां देशभर के कलाकारों ने बूंदी की समृद्ध विरासत को अपने रंगों में ढाला. पैलेस की ऐतिहासिक दीवारों पर ब्रश की हर चाल मानो बूंदी की कहानियां बयां कर रही थी.
देशभक्ति से ओतप्रोत भव्य शोभायात्रामहोत्सव के पहले दिन का मुख्य आकर्षण रहा नवल सागर से प्रारंभ हुई भव्य शोभायात्रा, जो ‘वंदे मातरम’ के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में देशभक्ति थीम पर आधारित थी. शाही लवाजमे, सजे हुए ऊंट-घोड़े, पारंपरिक परिधान में सजे लोक कलाकार और तिरंगे हाथों में लिए विद्यार्थी जब मुख्य बाजार से होकर गुज़रे, तो बूंदी शहर राष्ट्रप्रेम और लोक-संस्कृति के रंगों से सराबोर हो उठा.छतों से लोगों ने पुष्पवर्षा की, व्यापारियों ने यात्रा में शामिल कलाकारों का स्वागत किया और पूरा शहर उत्सवमय वातावरण में डूब गया. शोभायात्रा का समापन पुलिस परेड ग्राउंड में सामूहिक राष्ट्रगीत के साथ हुआ. एकता और गौरव का अद्भुत क्षण.
लोक परंपराओं के खेलों में छलका उत्साहशोभायात्रा के बाद पुलिस परेड ग्राउंड में पारंपरिक खेलकूद प्रतियोगिताओं ने सभी का मन मोह लिया. रस्साकसी, मूंछ प्रतियोगिता, साफा बांधना और पणिहारी दौड़ में स्थानीय प्रतिभागियों के साथ विदेशी पर्यटकों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया. विदेशी मेहमानों ने रस्साकसी और मटकी दौड़ में अपना हुनर दिखाकर दर्शकों की खूब वाहवाही लूटी. हर ओर हाड़ौती की लोक संस्कृति, परंपरा और भाईचारे की झलक दिखाई दी.
पर्यटकों से गुलजार हुई बूंदीबूंदी की गलियों, बाजारों और महलों में देशी-विदेशी सैलानियों की चहल-पहल ने शहर को जीवंत कर दिया. सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, लोक नृत्यों और बूंदी की ऐतिहासिक धरोहरों ने आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कच्छी घोड़ी नृत्य ने उद्घाटन समारोह में ऐसा समां बांधा कि हर चेहरा मुस्कान से खिल उठा.
तीन दिन तक चलेगा उत्सवतीन दिवसीय यह महोत्सव रविवार और सोमवार तक जारी रहेगा, जिसमें लोक संगीत, पारंपरिक नृत्य, हाड़ौती व्यंजन, और हस्तशिल्प प्रदर्शनियां बूंदी की लोकसंस्कृति को और जीवंत करेंगी. हर साल की तरह इस वर्ष भी बूंदी महोत्सव ने यह साबित कर दिया कि यह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि संस्कृति, एकता और गौरव का उत्सव है.



