बाड़ी के शुद्ध लोहे के बर्तन….एक बार खरीदें, पीढ़ियों तक करें इस्तेमाल, आयरन की कमी भी करें दूर

Last Updated:March 19, 2025, 21:12 IST
करौली के माल मेले में बाड़ी के लोहे के बर्तन खास आकर्षण हैं. ये बर्तन उच्च गुणवत्ता, मजबूती और टिकाऊपन के लिए प्रसिद्ध हैं. 100 साल से ये बर्तन पारंपरिक तरीके से बनाए जाते हैं.X
इस बर्तनों का लोगों को रहता है सालभर इंतजार
हाइलाइट्स
बाड़ी के लोहे के बर्तन उच्च गुणवत्ता और टिकाऊपन के लिए प्रसिद्ध हैं.ये बर्तन आयरन की कमी दूर करने में मदद करते हैं.बाड़ी के बर्तन पीढ़ियों तक उपयोग किए जा सकते हैं.
मोहित शर्मा/करौली. राजस्थान के करौली जिले में होली के अवसर पर लगने वाला माल मेला उत्सव और खरीदारी का प्रमुख केंद्र होता है. इस मेले की सबसे बड़ी खासियत बाड़ी के लोहे के बर्तन हैं, जिन्हें उनकी गुणवत्ता, मजबूती और टिकाऊपन के लिए जाना जाता है. लोग पूरे साल इन बर्तनों का इंतजार करते हैं, जो बड़े आयोजनों से लेकर घरेलू उपयोग तक हर रसोई के लिए खास महत्व रखते हैं.
क्यों खास हैं बाड़ी के लोहे के बर्तन बाड़ी के लोहे से बने इन बर्तनों की सबसे बड़ी खासियत उनकी उच्च गुणवत्ता और टिकाऊपन है. ये बर्तन न केवल भारी और मजबूत होते हैं, बल्कि 20 साल से अधिक तक बिना किसी क्षति के टिके रहते हैं. यदि इन्हें सही तरीके से रखा जाए, तो ये आने वाली पीढ़ियों तक उपयोग किए जा सकते हैं. बाड़ी के कारीगर आज भी इन बर्तनों को पारंपरिक तरीके से हाथों से बनाते हैं, जिससे इनकी मजबूती लंबे समय तक बनी रहती है. इनकी एक खासियत यह भी है कि उच्च गुणवत्ता वाले लोहे से बने होने के कारण ये जल्दी खराब नहीं होते और न ही आसानी से जंग पकड़ते हैं.
आयरन की कमी होती है दूरइन्हें तैयार करने वाले कारीगरों का कहना है कि इन बर्तनों में खाना बनाने से गर्मी समान रूप से फैलती है, जिससे भोजन अच्छी तरह पकता है और स्वाद बेहतर रहता है. इसके अलावा, ये बर्तन आयरन का प्राकृतिक स्रोत भी होते हैं, जिससे शरीर में आयरन की कमी दूर होती है और भोजन अधिक पोषक तत्वों से भरपूर बनता है.
कई साल चलते है बर्तन करीब 100 साल से बाड़ी के लोहे के बर्तन माल मेले की पहचान बने हुए हैं. ये बर्तन धौलपुर जिले के बाड़ी क्षेत्र में कुशल कारीगरों की ओर से पारंपरिक तरीकों से हाथों से तैयार किए जाते हैं. आधुनिक मशीनों के बजाय शुद्ध लोहे से बनाए जाने के कारण इनकी मजबूती और बनावट उत्कृष्ट होती है, जिससे ये सालों तक टिकाऊ बने रहते हैं. इन बर्तनों के व्यापारी अब्दुल हक, जो तीन पीढ़ियों से इस व्यवसाय से जुड़े हैं, बताते हैं कि यह केवल एक बर्तन नहीं, बल्कि एक विरासत है. जो लोग एक बार इन्हें खरीदते हैं, वे सालों-साल इनका उपयोग करते हैं और अगली पीढ़ी के लिए भी इन्हें संजोकर रखते हैं.
वजन के अनुसार तय होती है कीमत बाड़ी के लोहे के ये बर्तन विभिन्न आकारों और वजन में उपलब्ध होते हैं, जो 1 किलो से लेकर 80 किलो तक हो सकते हैं. इनकी कीमत भी वजन के आधार पर तय होती है, जो 100 से लेकर 8000 रुपए तक हो सकती है.
बदलते दौर में भी बाड़ी के लोहे की लोकप्रियता बरकरार इन बर्तनों की खासियत यह है कि बाजार में स्टेनलेस स्टील, नॉन-स्टिक और एल्यूमीनियम के बर्तनों की भरमार के बावजूद करौली के माल मेले में बाड़ी के लोहे के बर्तनों की मांग आज भी बरकरार है. इसका सबसे बड़ा कारण इनकी मजबूती, प्राकृतिक स्वास्थ्य लाभ और टिकाऊपन है.
Location :
Karauli,Rajasthan
First Published :
March 19, 2025, 21:12 IST
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करौली के माल मेले की शान, साल में सिर्फ एक बार मिलते हैं लोहे के बर्तन