By 2035, more than half of the world’s population will be obese | 2035 तक दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी होगी ‘मोटापे से ग्रसित
जयपुरPublished: Mar 04, 2023 07:00:31 pm
वैश्विक सरकारें अत्यधिक वजन की बढ़ती समस्या को रोकने के लिए यदि निर्णायक कार्रवाई नहीं करती हैं तो दुनिया की आधी से ज्यादा (51त्न) आबादी 2035 तक अधिक वजन या मोटापे से ग्रसित होगी। 20 वर्ष की आयु से अधिक के पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलेगी
2035 तक दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी होगी ‘मोटापे से ग्रसित
लंदन. वैश्विक सरकारें अत्यधिक वजन की बढ़ती समस्या को रोकने के लिए यदि निर्णायक कार्रवाई नहीं करती हैं तो दुनिया की आधी से ज्यादा (51त्न) आबादी 2035 तक अधिक वजन या मोटापे से ग्रसित होगी। 20 वर्ष की आयु से अधिक के पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलेगी। ‘वल्र्ड ओबेसिटी एटलस 2023Ó रिपोर्ट के मुताबिक, वयस्कों के मुकाबले बच्चों (5-19 आयु वर्ग) का वजन तेजी से बढ़ रहा है। आशंका है कि आने वाले 12 वर्षों में बच्चों में मोटापे की दर लगभग दोगुनी हो सकती है।
एशियाई और अफ्रीकी देशों में व्यापकता अधिक
निम्न आय वाले देशों में मोटापे की व्यापकता तेजी से बढ़ रही है। वैश्विक स्तर पर (वयस्कों व बच्चों, दोनों में) मोटापे में सर्वाधिक वृद्धि वाले 10 देशों में से नौ निम्न या निम्न-मध्यम आय वाले हैं, जो एशियाई व अफ्रीकी हैं। प्रोसेस्ड फूड के प्रति बढ़ता रुझान, शारीरिक गतिविधियों में कमी, खाद्य आपूर्ति व खाद्य विपणन को नियंत्रित करने के लिए कमजोर नीतियां समस्या को व्यापक बना रही हैं। हर साल 4 मार्च को मोटापे से होने वाले रोगों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ‘विश्व मोटापा दिवसÓ मनाते हैं।
भारतीय महिलाओं में बढ़ेगी मोटापे की समस्या
भारत में 2020-2035 के दौरान वयस्कों में 5.2त्न व बच्चों में 9.1त्न की दर से मोटापे के मामलों में वार्षिक वृद्धि का अनुमान है। आने वाले 12 वर्षों में महिलाएं और लड़के सर्वाधिक मोटापे की समस्या से जूझ रहे होंगे। देश की जीडीपी पर इसका भार 1.8त्न होगा। अत्यधिक वजन का आर्थिक प्रभाव सर्वाधिक असामयिक मौतों के रूप में सामने आएगा। बढ़ते वजन की समस्या से निपटने के संबंध में 183 देशों की तैयारी से जुड़ी रैंकिंग में भारत का स्थान 99वां है, जिसे औसत माना है। बांग्लादेश 108वें, नेपाल 139वें और पाकिस्तान 172वें नंबर के साथ कमजोर तैयारी वाली अर्थव्यवस्था रहीं।