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इस तकनीक को अपनाकर चार महीने तक प्याज को गलने और सड़ने से बचा सकते हैं किसान-farming-by-adopting-this-technique-farmers-can-save-onions-from-rotting-and-melting-for-four-monthsfarming-by-adopting-this-technique-farmers-can-save-onions-from-rotting-and-melting-for-four-months

सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में मीठे प्याज की खेती सर्वाधिक होती है. यहां अधिकांश किसान सीजन के अनुसार प्याज की खेती करते हैं. सीकर के मीठे प्याज महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश सहित अनेक राज्यों में जाते हैं. हर बार किसानों के सामने प्याज की पैदावार के बाद एक समस्या रहती है. किसानों को प्याज की फसल में अच्छा मुनाफा नहीं मिल पाता है. इसलिए यहां के किसान 15 दिन से लेकर 23 महीने तक प्याज की फसल का स्टॉक करके रखते हैं.

आमतौर पर कुछ दिन में ही नमी के कारण प्याज खराब होने लगते हैं. अगर प्याज को आद्रता नहीं मिले तो वह अंदर से सड़ना शुरू हो जाते हैं. इसके बावजूद भी अच्छे मुनाफे के लिए किसान एक अलग तरीके की तकनीक अपनाकर अपने प्याज को सुरक्षित रखते हैं. उन्नत किसान मोहन लाला ढाका ने बताया कि प्याज स्टॉक की विशेष तकनीक के तहत हम 15 दिन से लेकर 4 महीने तक प्याज का स्टॉक कर कर रखते हैं ताकि अच्छे भाव आने पर उन्हें बेच सके.

इस तरह करते हैं प्याज का स्टॉकआमतौर पर सरकार की तरफ से फसल को बारिश व अन्य आपदाओं से बचाने के लिए स्टॉक रूम बनाने के लिए मुआवजा दिया जाता है. लेकिन इसका खर्च अधिक आने की वजह से हर किसान इसे बनाने में असमर्थ रहता है, इसलिए सीकर के किसान प्याज कटाई के तुरंत बाद खेत में उत्पादित हुए सभी प्याज को एक जगह इकट्ठा कर लेते हैं.

उसके बाद कटे हुए पत्ते प्याज की ढेर के नीचे ऊपर लगा दिए जाते हैं इसके अलावा प्याज के ढेर के ऊपर घास से बनी हुई एक अस्थाई झोपड़ी बनाई जाती है जिससे प्याज बारिश से बचे रहे. इस प्रक्रिया के तहत खेत में पड़े प्याज को काफी लंबे समय तक सड़ने और गलने से बचाया जा सकता है. हालांकि इस दौरान प्याज के ढेर को नमी से बचाया जाता है. कभी-कभी प्याज में आद्रता के लिए गेहूं का भूसा भी डाला जाता है.

हजारों किसान अपना रहे हैं यह तकनीकइस तकनीक को अब आने को किसान अपने लगे हैं. इस तकनीक को अपनाने के बाद काफी लंबे समय तक प्याज का स्टोर किया जा सकता है. वहीं प्याज के अच्छे भाव मिलने पर उन्हें बेचा जा सकता है, जिससे किसानों को अच्छा फायदा होगा. उन्नत किसान मोहन लाल ढाका ने बताया कि उन्होंने अपने खेत में 20 दिन तक प्याज को स्टोर करके रखा था.

प्याज की कटाई के समय मंडी में प्याज के भाव मात्र 12 रूपए किलो थे, लेकिन 20 दिन स्टॉक करने के बाद प्याज के भाव बढ़े और हमने 25 रूपए किलो प्याज व्यापारी को बेचे है. इस तकनीक इससे हमें पिछली बार से भी अधिक मुनाफा हुआ है.

Tags: Bihar News, Local18

FIRST PUBLISHED : July 22, 2024, 18:19 IST

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