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इस तकनीक को अपनाकर करें मछली पालन, पैसे और समय दोनों की होगी बचत, प्रोडक्टिविटी भी बढ़ जाएगी

Agency: Rajasthan

Last Updated:February 08, 2025, 14:26 IST

Biofloc Technology Fish Farming: वैसे तो मछली पालन के पारंपरिक तरीके से लेकर कई तकनीक आ गई है. तकनीक की मदद से कम लागत और कम समय में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. बायोफ्लॉक तकनीक इसी श्रेणी में आता है. बायो…और पढ़ेंX
बायोफ्लॉक'
बायोफ्लॉक’ तकनीक से मछली पालन 

हाइलाइट्स

बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन में कम लागत और समय में अधिक उत्पादन.बायोफ्लॉक बैक्टीरिया मछली अपशिष्ट को प्रोटीन में बदलता है.मछली टैंक की नियमित निगरानी और ऑक्सीजन लेवल का ध्यान रखें.

सीकर. मछली पालन की नई-नई तकनीकें आ रही है. इन तकनीक का इस्तेमाल कर राजस्थान जैसे क्षेत्र में भी मछली पालन कर कम जगह, कम पैसे और कम मेहनत में ही अच्छा मुनाफा मिलता है. ऐसे में अच्छे मुनाफे के लिए मछली पलकों को ‘बायोफ्लॉक’ तकनीक का उपयोग करना चाहिए. इस तकनीक से कम जगह में छोटा और गोल टैंक बनाकर मछली पालन किया जाता है और अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.

उन्नत किसान और मछली पालन राकेश योगी ने बताया कि बायोफ्लॉक एक बैक्टीरिया है, जो मछलियों के अपशिष्ट को प्रोटीन में बदल देता है. इस प्रोटीन का सेवन भी मछलियां ही करती हैं, जिससे संसाधनों की काफी हद तक बचत होती है. किसान चाहे तो बायोफ्लॉक मछली पालन के लिए अपनी सुविधानुसार छोटे-बड़े टैंक बनवा सकते हैं.

ऐसे काम करता है बायोफ्लॉक

राकेश ने बताया कि टैंक विधि से मछली पालन करने पर मछलियों को दाना डाला जाता है. मछलियां दाने को खाकर अपशिष्ट छोड़ती हैं. यह अपशिष्ट दाने के साथ टैंक की तली में बैठ जाते हैं, जिसकी सफाई या रीसाइक्लिंग के लिए बायोफ्लॉक बैक्टीरिया छोड़ा जाता है. यह बैक्टीरिया मछली के अपशिष्ट को प्रोटीन में बदल देता है, जो मछलियों के ही खाने के काम आता है.

पानी में अमोनिया को ऐसे करें नियंत्रित

कभी-कभी मछली पालन की इस प्रक्रिया के दौरान टैंक के पानी में अमोनिया की मात्रा भी बढ़ जाती है, इसके रोकथाम के लिए टैंक के पानी को बदलना होता है. टैंक से निकलने वाला पानी बर्बाद नहीं होता, बल्कि खेती में इस्तेमाल किया जाता है. इस पानी में कई पोषक तत्त्व मौजूद होते हैं.

मछली पालन में इन बातों का रखें ध्यान

मछली पालक राकेश ने बताया कि मछली टैंक की नियमित निगरानी रखें. जिससे मछलियों को बीमारी, धूप, अधिक तापमान और मौसम की अनिश्चितताओं या जोखिमों से बचाया जा सके. इसके अलावा बायोफ्लॉक टैंक में मछलियों के लिये ऑक्सीजन का लेवल ध्यान रखें. इसके लिए हवा पंप की मोटर लगाएं. वहीं, बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन करने के लिए बिजली का अहम रोल होता है. ऐसे में बिजली ना होने पर बैकअप होना बेहद जरूरी है.


Location :

Sikar,Rajasthan

First Published :

February 08, 2025, 14:26 IST

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इस तकनीक से करें मछली पालन, बढ़ जाएगी प्रोडक्टिविटी

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