इस मंदिर के टाइल्स को धोकर पानी पीने से घर के कलेश होते हैं दूर! महिलाओं को संतान की होती है प्राप्ति

बीकानेर. बीकानेर में कई ऐसे मंदिर हैं जो काफी पुराने और काफी चमत्कारिक भी है. ऐसा ही एक राज रतन बिहारी जी का मंदिर है जो करीब 179 साल पुराना है. इस मंदिर परिसर में एक ऐसी अनोखी टाइल्स है दर्शन करने के बाद इस टाइल्स के पानी को धोकर पीने से कई समस्याओं का निवारण होता है.
मंदिर की व्यवस्था से जुड़े रामकुमार पुरोहित मुरारी जी ने बताया कि बीकानेर राजघराने के पंचम पीठाधीश्वर श्री श्री देवकीनंद आचार्य जी महाराज ने यज्ञ किया था. इसके बाद ठाकुर जी अंदर विराजमान हुए. पूरे भारत में सिर्फ इसी मंदिर में यह अनोखा टाइल्स है. इस टाइल्स पर ठाकुर जी के दो चरण छपे हुए हैं. इसमें एक चरण तो दिखाई पड़ता है तो दूसरा चरण ढूंढना पड़ता है. इस टाइल्स पर पानी रखकर पानी ग्रहण कर सकते हैं. इससे कई संकट दूर होते हैं.
महिलाओं के पानी पीने से होता है बच्चायह 185 साल पुराने टाइल्स हैं. इसको यहां लोग चरण चौकी बोलते हैं. वे बताते हैं कि यहां चरण चौकी को पानी से धोकर फिर उस पानी को ग्रहण करते हैं तो कई समस्या दूर होती हैं. इस पानी को पीने से महिलाओं को बच्चा होता है और घर में किसी तरह का क्लेश हो तो वो भी दूर हो जाएगा. पुरोहित मुरारी जी बताते हैं कि अब तक मैंने देखा है कि 1200 लोग यहां टाइल्स को धोकर पानी लेकर गए हैं. जिससे उनकी मनोकामना भी पूरी हुई है. यहां लोग अपने घर से पानी की बोतल लेकर आते हैं और चौकी पर स्नान करवाकर वापिस पानी लेकर जाते है.
कैसा हुआ था इस मंदिर का निर्माणइस मंदिर का निर्माण राजा रतन सिंह ने अपनी पत्नी के लिए करवाया था. इस मंदिर को रानियों की हवेली कहा जाता है. पहले यहां मंदिर में सिर्फ रानियां ही दर्शन करने के लिए आती थी. रतन सिंह ने पंचम पीठाधीश्वर श्री श्री देवकीनंद आचार्य जी महाराज को मंदिर सौंप दिया था, उसके बाद उनके वंशज यह परंपरा चला रहे है. अब जगतगुरु पंचम पीठाधीश्वर श्री श्री वल्लभाचार्य जी महाराज के छोटे लालजी विट्ठलनाथ गोस्वामी मंदिर की देखरेख कर रहे है. यह मंदिर ट्रस्ट गोकुल चंद्रमा कामवन की हवेली नाम से संचालित है. इस मंदिर में भगवान कृष्ण और राधा की सखी की प्रतिमा है. जो काले संगमरमर से बनी हुई है. भगवान कृष्ण के साथ एक तरफ तो ललिता जी और दूसरी तरफ विशाखा जी है. यह वे सखियां हैं जो राधा जी की आठ सहेलियों में से हो हमेशा इनके साथ रहती थी. पुरोहित ने बताया कि राजा रतन सिंह ने अपनी पत्नी के लिए ठाकुर जी का मंदिर बनवाया था. राजा रतन सिंह की पत्नी बीकानेर से गिरिराज जी दर्शन करने के लिए जाती थी. फिर राजा रतन सिंह ने अपनी पत्नी के लिए ठाकुर जी का मंदिर यहां बनवा दिया.
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FIRST PUBLISHED : December 4, 2024, 16:09 IST
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