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Last Updated:March 12, 2025, 12:36 IST

Nageshwar Mahadev Jyotirlinga Temple Sri Ganganagar: अंधविद्यालय परिसर में बने नागेश्वर महादेव ज्योतिर्लिंग मंदिर में स्फटिक शिवलिंग स्थापित है. यह मंदिर अपने आप में खास है. यहां दीवारों व छतों पर शीशे लगाए गए …और पढ़ेंX
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प्रतीकात्मक तस्वीर

हाइलाइट्स

श्रीगंगानगर के नागेश्वर महादेव मंदिर में स्फटिक शिवलिंग स्थापित हैमंदिर की दीवारों और छतों पर शीशे लगाए गए हैंमंदिर में शिव के नागेश्वर, रामेश्वर और अमरनाथ स्वरूप हैं

श्रीगंगानगर:- हनुमानगढ़ रोड स्थित अंधविद्यालय परिसर में बने नागेश्वर महादेव ज्योर्तिलिंग मंदिर में स्फटिक शिवलिंग स्थापित है. यह मंदिर अपने आप में खास है. यहां जिस स्फटिक के टुकड़े से शिवलिंग तैयार किया गया है, बताया जाता है शिवलिंग तैयार करते समय उसमें खुद व खुद ही नाग की आकृति नजर आई.  इसकी स्थापना 1 मई 2005 को की गई थी. इस मंदिर को बनाने के लिए खास तौर पर जयपुर के कारीगरों को बुलाया गया था. इन कारीगरों ने करीब डेढ़ साल की कड़ी मेहनत से यह मंदिर बनाया. इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां एक साथ शिव के नागेश्वर, रामेश्वर और अमरनाथ स्वरूप विद्यमान हैं.

मंदिर की दीवारों पर की गई शानदार चित्रकारी आपको बता दें, कि इस मंदिर की दीवारों व छतों पर शीशे चिपकाए गए हैं. जिस कारण से मंदिर में प्रवेश करने के साथ ही एक अलग ही अनुभूति होती है. इस मंदिर में शिव के जो तीन स्वरूप हैं, उनमें सबसे पहले नागेश्वर स्वरूप स्थापित किया गया है. इसके अलावा मंदिर की बाहरी दीवारों पर शिव परिवार, समुद्र मंथन, महर्षि मार्कण्डेय को शिव दर्शन, जगद्गुरु उदासीनाचार्य बाबा श्रीचंद, बाबा बनखंडी, गुरु मच्छंदर नाथ, राजा बलि भगवान वामन को तीन पद जमीन देते हुए, बाबा बालक नाथ, शुकदेव राजा परिक्षित को भागवत कथा सुनाते हुए, गुरु गोरखनाथ के शानदार चित्र बनाए गए हैं, जो बेहद आकर्षक लगते हैं.

ऐसे लगाए गए शीशेअंध विद्यालय के संस्थापक स्वामी ब्रह्मदेव महाराज ने बताया, कि मंदिर में दीवारों व छत पर शीशे का काम करने के लिए चूना, गुड़ व दही को 6 महीने तक भिगोकर रखा गया. वे बताते हैं, कि इस दौरान हर रोज इस मिक्स घोल के ऊपर आने वाले केमिकल को हटा देते थे. इसी तरह से कई ड्रमों में तैयार घोल को 6 महीने के बाद छलनी व कपड़ा से छानकर इसमें गोंद मिलाकर पेस्ट तैयार किया गया. और इस पेस्ट की मदद से शीशों के टुकड़ों को दीवारों पर चिपकाया गया. आगे वे बताते हैं, कि इससे पहले शीशों को फुलाकर साइज के हिसाब से कटिंग की गई. इसके बाद इन्हें दीवारों पर लगाने का काम पूरा किया गया.

मंदिर में स्फटिक शिवलिंग है स्थापितआपको बता दें, कि इस मंदिर में मुख्य रूप से स्फटिक शिवलिंग स्थापित है, जिसे स्फटिक के एक बड़े टुकड़े से तैयार करवाया गया है. बता दें, स्फटिक का यह बड़ा टुकड़ा किसी संत ने भेंट किया था. उस स्फटिक शिला को मंदिर की स्थापना के समय शिवलिंग के रूप में तराश कर तैयार करवाया, तो बताया जाता है, कि उसमें खुद ही नाग की आकृति नजर आई. वहीं यहां कैंपस में नीचे की ओर गुफा में  अमरनाथ जी का स्वरूप भी स्थापित किया गया है.


Location :

Ganganagar,Rajasthan

First Published :

March 12, 2025, 12:36 IST

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श्रीगंगानगर के इस शिव मंदिर की महिमा है निराली, स्फटिक शिवलिंग है यहां स्थापित

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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