Rajasthan

Cabbage Planting: फसल नहीं ये है सफेद सोना! एक पर कर लीजिए खेती, बंपर होगी कमाई

भरतपुर: राजस्थान के भरतपुर के क्षेत्र के एक किसान ने परंपरागत खेती में सुधार करते हुए अपने खेत को दुबारा से नराई और गुड़ाई कर और घर के पशुओं से प्राप्त जैविक खाद को खेतों में मिलाकर जमीन को उपजाऊ बनाया है.इस प्रक्रिया के बाद किसान ने अपने खेतों में गोभी की खेती शुरू की है. अब जैविक खाद के इस्तेमाल से जमीन की उर्वरक क्षमता में बढ़ोतरी हुई जिससे फसल की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार देखा गया है.

किसान कमल धाकड़ ने लोकल 18 को बताया कि गोभी की पहली फसल से हम को अच्छी पैदावार मिली जिससे हमारी मेहनत सफल साबित हुई किसान का कहना है.कि जैविक खाद के इस्तेमाल से फसल की लागत कम हुई और बिना रासायनिक खादों के उपयोग के स्वास्थ्य के लिए बेहतर और प्राकृतिक फसल प्राप्त हुई इस जैविक खेती से पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ा है.क्योंकि इससे मिट्टी की संरचना को नुकसान नहीं पहुंचा और पानी की आवश्यकता भी कम रही है.

सालाना 6 से 7 लाख मुनाफा कमा लेते हैकिसान कमल धाकड़ बताते हैं.वह यह गोभी की खेती लगभग 20 साल से कर रहे हैं. हमारे पिताजी भी गोभी की खेती किया करते थे और अब हम भी गोभी की खेती मे अपना हाथ आजमा रहे हैं.किसान बताते हैं.कि हम गोभी की खेती स्टेप बाय स्टेप करते हैं. हमारे यहां 12 महीने गोभी की खेती होती है. हम इस गोभी की मंडी भरतपुर,बयाना,हिंडौन करौली सहित आदि जिलों में करते हैं. किसान का कहना है. कि वह इस गोभी की खेती से हर वर्ष 6 से 7 लाख रुपए का मुनाफा कमा लेते हैं.

अब इस किसान के खेत में उगाई गई गोभी स्थानीय बाजार में उच्च मांग में है.अच्छी पैदावार और बेहतर कीमत मिलने से किसान को आर्थिक लाभ हुआ है.यह पहल क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए भी एक प्रेरणा बन गई है.जो परंपरागत खेती से हटकर जैविक तरीकों को अपनाने की ओर बढ़ रहे हैं. किसान के इस प्रयास ने यह साबित किया कि सही तकनीकों और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कर खेती को और लाभकारी बनाया जा सकता है.

FIRST PUBLISHED : November 5, 2024, 12:16 IST

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