Bypassing The Orders Of The Chief Wildlife Warden, Except Tiger Reserv – चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन के आदेश किए दरकिनार,टाइगर रिजर्व, बायो पार्क और जू को छोड़कर शेष संचुरी में पर्यटन गतिविधियां शुरू करने के आदेश

वन विभाग में सत्ता की लड़ाई
वन सचिव ने जारी किए टाइगर रिजर्व, बायो पार्क और जू को छोड़कर शेष संचुरी में पर्यटन गतिविधियां शुरू करने के आदेश

जयपुर, 9 जून
चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन के आदेशों को दरकिनार करते हुए बुधवार को वन सचिव बी प्रवीण ने एक अलग आदेश जारी कर दिया और इसमें टाइगर रिजर्व, बायो पार्क और जू को छोड़कर शेष सेंचुरी में पर्यटन गतिविधियां शुरू करने के आदेश दे दिए गए। गौरतलब है कि चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन मोहन लाल मीणा ने 7 जून को सरकार को एक पत्र भेज कर वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए वाइल्ड लाइफ टूरिज्म बंद रखने की बात कही थी। साथ ही एनटीसीए की एडवाइजरी का भी हवाला दिया गया था लेकिन बुधवार शाम विभाग के सचिव बी प्रवीण ने अलग ही आदेश जारी कर दिया।
वन सचिव बी प्रवीण की ओर से जारी किए गए आदेशों के मुताबिक प्रदेश के संरक्षित वन क्षेत्र अब पर्यटकों के लिए खोल दिए गए हैं। साथ ही राजधानी में झालाना लेपर्ड रिजर्व को खोल दिया गया है लेकिन टाइगर रिजर्व, बायोपार्क और चिडिय़ाघर अभी भी बंद रहेंगे। रणथंभौर टाइगर रिजर्व, सरिस्का टाइगर रिजर्व और मुकुंदरा हिल्स, सभी बायो पार्क और चिडिय़ाघरों को भी बंद ही रखा जाएगा। इनमें वीकेंड कफ्र्यू के दौरान किसी भी प्रकार की पर्यटन गतिविधि संचालित नहीं हो सकेंगी।
कोविड प्रोटोकॉल की पालना जरूरी
प्रदेश के ऐसे वन क्षेत्र जहां पर पर्यटन गतिविधियां कम होती हैं जैसे झालाना रिजर्व फॉरेस्ट, स्मृति वन आदि अब खोल दिए गए हैं। वहीं डेजर्ट नेशनल पार्क का प्रशासन अपने स्तर इसे खोले जाने या बंद रखने का निर्णय लेगा।
केवलादेव घना नेशनल पार्क सुबह नौ बजे खोला जाएगा और दोपहर तीन बजे तक ही पर्यटक यहां रह सकेंगे। विभागीय कर्मचारियों का दायित्व होगा कि यहां पर्यटकों से सामाजिक दूरी की पालना करवाई जाए और कही भीड़ एकत्र ना हो।
संरक्षित क्षेत्र में कोविड प्रोटोकॉल की पालना करना जरूरी होगा। व्हीकल में पर्यटकों की संख्या कुल क्षमता की 50 फीसदी रखी जाएगी और व्हीकल को सेनेटाइज करना अनिवार्य होगा। वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों का बिना मास्क प्रवेश नहीं होगा, उन्हें सेनेटाइजर का प्रयोग करना होगा। यही नियम पर्यटकों पर भी लागू होंगे। यदि किसी पर्यटक में एन्फ्यूएंजा के लक्षण पाए जाते हैं तो उन्हें वन क्षेत्र में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
वाहनों की बीच भी दूरी होगी जरूरी
झालाना लेपर्ड रिजर्व सहित अन्य वन क्षेत्र जहां पर्यटकों को वन्यजीव देखने को मिलते हैं वहां गाइड और वाहन चालक की जिम्मेदारी होगी कि वह वाहन को वन्यजीव के पास ना ले जाए, वाहन और वन्यजीव के मध्य कम से 5 मीटर की दूरी होना जरूरी होगा। वहीं दो वाहनों के मध्य भी कम से कम 10 मीटर की दूरी होना जरूरी होगा। टिकट काउंटर पर सेनेटाइजर की उपलब्धता सुनिश्चित करना जरूरी होगा। स्टाफ में केवल उन्हीं को स्वीकृति दी जाएगी जिसकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट नेगेटिव होगी।