दौसा के मोरेल डैम की नहर खोली गई, 83 गांवों की 19 हजार हैक्टयर भूमि में 75 दिनों तक होगी सिंचाई
पुष्पेंद्र मीना/दौसा: दौसा जिले के लालसोट क्षेत्र में स्थित एशिया का सबसे बड़ा मिट्टी का बांध, मोरेल डैम की नहरों को खोला गया है. इससे दौसा, सवाई माधोपुर और गंगापुर सिटी के हजारों किसानों को 75 दिनों तक सिंचाई के लिए पानी मिलेगा. इस कदम से इन जिलों के किसानों की फसल बेहतर होने की उम्मीद जगी है.
नहर का पानी: 75 दिनों तक होगा उपलब्धइस बार मोरेल डैम से दोनों जिलों के 83 गांवों में लगभग 19,000 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.– दौसा जिले में 15% और सवाई माधोपुर व गंगापुर सिटी के 85% किसान इस नहर से लाभान्वित होंगे.– इससे पहले 2019 में बांध में भरपूर पानी होने के कारण किसानों को लगभग तीन महीने तक पानी मिला था.
किसानों ने नहर का पानी मिलने पर राहत महसूस की है और फसलों की बेहतर उपज की उम्मीद जताई है.
बांध का विवरण और जल प्रबंधनजल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता चेतराम मीना ने बांध की विस्तृत जानकारी दी:– बांध की कुल लंबाई : 5,364 मीटर.– कुल भराव क्षमता: 30 फीट (2,707 एमसीएफटी).– इसमें 2496 एमसीएफटी लाइव स्टोरेज और 211 एमसीएफटी डेड स्टोरेज शामिल है.– सिंचित क्षेत्र : 19,383 हेक्टेयर.– मुख्य नहर : 55 गांवों को सिंचाई सुविधा.– पूर्वी नहर : 28 गांवों को सिंचाई सुविधा.
जल संरक्षण की अपीलसहायक अभियंता ने किसानों से पानी का सतर्कता से उपयोग करने की अपील की है.– 75 दिनों तक सिंचाई के बाद भी यदि पानी की बर्बादी रोकी जाए तो बांध में 1,000 एमसीएफटी पानी बच सकता है.– यह भविष्य में जल संकट को कम करने और भूजल स्तर को बनाए रखने में सहायक होगा.
मोरेल बांध की तथ्य-पत्रिका– निर्माण कार्य शुरू: 1948.– बांध का पूरा निर्माण: 1952.– भराव क्षमता: 30 फीट 5 इंच.– मुख्य नहर: 28 किमी लंबी.– पूर्वी नहर: 31.4 किमी लंबी.– मुख्य नहर: 12,388 हेक्टेयर.– पूर्वी नहर: 6,705 हेक्टेयर.
किसान और प्रशासन की पहलरवि की फसल की बुवाई के समय किसानों को पानी की सख्त जरूरत थी. इसे देखते हुए प्रशासन ने मोरेल डैम की नहरों से पानी छोड़ा.– मुख्य नहर से सिंचाई: बौली और मलारना डूंगर के 55 गांव.– पूर्वी नहर से सिंचाई: लालसोट और बामनवास के 28 गांव.
इस कदम से किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सकेगा, जिससे उनकी फसलें बेहतर होंगी और कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी. मोरेल डैम से पानी की आपूर्ति किसानों के लिए राहत लेकर आई है. यह पहल न केवल फसलों की उपज में सुधार करेगी बल्कि जल संरक्षण के प्रयासों को भी मजबूती देगी.
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FIRST PUBLISHED : November 17, 2024, 19:08 IST