काजू-बादाम से कम नहीं मरुस्थल में उगने वाला यह फल, गैस और बदहजमी से तुरंत मिलेगी राहत, खांसी के लिए रामबाण

अजमेर. छोटे-छोटे हरे भरे रंग की तहत दिखने वाला केर फल औषधीय गुणों में किसी काजू बादाम से कम नहीं है. इसके पेड़ को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती है. केर की सब्जी और अचार बहुत स्वादिष्ट होता है. केर को सुखाकर लंबे समय तक इसका उपयोग किया जाता है.
आयुर्वेदिक डॉक्टर मनीष वर्मा ने बताया कि केर के अंदर प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं. आयुर्वेद में इस पेड़ की सबसे ज्यादा मांग रहती है. इसके पेड़ की जड़ से चूर्ण बनाया जाता है जो, मधुमेह व खांसी में रामबाण है. इस पेड़ को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला पेड़ भी कहा गया है.
केर खाने के फायदेआयुर्वेदिक डॉक्टर मनीष वर्मा ने बताया कि केर में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं इस फल में कैल्शियम, आयरन, विटामिन ए और कार्बोहाइड्रेट्स जैसे पोषक तत्व अधिक मात्रा में होते हैं. इसका लगातार सेवन पाचन तंत्र को दुरुस्त करने में सहायक होता है. यह फल गैस, अपच जैसी समस्याओं से तुरंत राहत दिलाने वाला फल है. इसके अलावा मौजूद जिक रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करता है. इस फल के लगातार सेवन से शरीर में रोगों से लड़ने की क्षमता पैदा होती है. केर की छाल का चूर्ण डायबिटीज कंट्रोल करने सबसे उपयोगी फल माना जाता है.
खांसी में राहत दिलाने में सहायककेर के डंठल से बने चूर्ण कहा सुबह खाली पेट सेवन करने से कफ और खांसी में तुरंत आराम मिलती है. यह फल खांसी के रोगियों के लिए रामबाण इलाज वाला माना जाता है. इसके अलावा केर के कोमल पत्तों और टहनियों को पीसकर पाउडर बनाकर फोड़े, सूजन या छालों पर लगाया जाता है इसे तुरंत आराम मिलता है. वहीं केर के पेड़ की टहनी को लगातार चबाने से दांत का दर्द ठीक हो जाता है.
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FIRST PUBLISHED : December 29, 2024, 11:40 IST
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