आयुष्मान कार्ड से भी होगा मोतियाबिंद का ऑपरेशन, चित्रकूट में यहां मिल रही है सुविधा
चित्रकूट: धर्म नगरी चित्रकूट जहां राम ने अपने वनवास काल के कई साल बिताए. वहां अब लोगों को केवल आध्यात्मिक शांति ही नहीं, बल्कि लाखों लोगों को आंखों की रोशनी भी मिल रही है. यहां का सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय नेत्र रोगों खासकर मोतियाबिंद जैसी आंख की जटिल समस्याओं के इलाज के मामले में देश के बड़े अस्पतालों में से एक है. खास बात यह है कि अब यहां आयुष्मान भारत योजना के कार्डधारकों को भी निशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. दूर-दराज के क्षेत्रों से लोग यहां अपनी आंखों की समस्याओं का इलाज करवाने आते हैं और कई मामलों में उन्हें दोबारा दुनिया देखने का अवसर मिलता है.
मिनी एम्स के नाम से मशहूर सद्गुरु नेत्र चिकित्सालयचित्रकूट के जानकी कुंड स्थित सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय को आंखों के इलाज के मामले में ‘मिनी एम्स’ के नाम से भी जाना जाता है. इस प्रतिष्ठित अस्पताल में हर साल लाखों लोगों की आंखों का इलाज किया जाता है. सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय में देशभर से लोग मोतियाबिंद, ग्लूकोमा और रेटिना जैसी समस्याओं का इलाज करवाने आते हैं. अस्पताल में हर वर्ष करीब लाखों मोतियाबिंद के ऑपरेशन होते हैं, जिससे हजारों लोगों को दोबारा दृष्टि मिलती है.
आयुष्मान कार्ड से निशुल्क इलाज की सुविधाचिकित्सालय के ट्रस्टी डॉक्टर इलेश जैन ने बताया कि हाल ही में सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय ने आयुष्मान कार्डधारकों के लिए विशेष सुविधा प्रदान की है. आयुष्मान भारत योजना के तहत जो भी मरीज यहां इलाज कराने आएंगे उन्हें निशुल्क इलाज मिलेगा. देश के किसी भी कोने से यहां आने वाले मरीज जिनके पास आयुष्मान कार्ड है वे इसे दिखाकर निशुल्क मोतियाबिंद का ऑपरेशन करवा सकते हैं.
गांव-गांव में चल रहे हैं कैंपयहां उन लोगों के लिए भी सुविधा है जिनके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है. सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय की ओर से गांव-गांव में नेत्र चिकित्सा कैंप आयोजित किए जा रहे हैं जहां लोग मुफ्त में नेत्र जांच करवा सकते हैं. इन कैंपों दिखाने वाले जिन मरीजों को मोतियाबिंद की शिकायत होती है उनका मुफ्त इलाज भी किया जाता है.
डॉक्टर जैन ने बताया कि इन कैंपों का संचालन करीब 5,000 से 6,000 गांवों में होता है जहां लोगों को नेत्र समस्याओं के बारे में जानकारी दी जाती है और उन्हें उचित इलाज मुहैया कराया जाता है.
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FIRST PUBLISHED : November 11, 2024, 16:21 IST