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CBSE स्कूल एफिलिएशन क्राइटेरिया: नियम और आवेदन प्रक्रिया.

नई दिल्ली (CBSE School Affiliation Criteria). भारत में 70 से ज्यादा शिक्षा बोर्ड हैं. देश का हर स्कूल किसी न किसी बोर्ड से संबद्ध होता है. स्कूल में बोर्ड परीक्षाएं आयोजित करवाने और बच्चों को 10वीं, 12वीं में एडमिशन देने के लिए संबद्धता यानी एफिलिएशन जरूरी है. भारत के हजारों प्राइवेट और सरकारी स्कूल सीबीएसई से संबद्ध हैं. सीबीएसई स्कूल एफिलिएशन क्राइटेरिया में बदलाव होता रहता है. अपने स्कूल को सीबीएसई से संबद्ध करवाने से पहले आपको सभी गाइडलाइंस पता होनी चाहिए.

स्कूलों को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की मान्यता प्राप्त करने के लिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया का पालन करना होता है. यह CBSE के संबद्धता उपनियमों (CBSE Affiliation Bye Laws, 2018 और उसके बाद के संशोधनों) पर आधारित है. यह प्रक्रिया पारदर्शी और ऑनलाइन है, जिसे स्कूलों को पूरा करना होता है. साल 2024 तक भारत में 28 हजार से ज्यादा स्कूलों को सीबीएसई की मान्यता मिल चुकी है. सीबीएसई बोर्ड के सबसे ज्यादा स्कूल उत्तर प्रदेश में हैं.

स्कूल को सीबीएसई की मान्यता कैसे मिलती है?

पात्रता जांच: – स्कूल को यह सुनिश्चित करना होता है कि वह CBSE के निर्धारित मानदंडों को पूरा करता है. इसमें बुनियादी ढांचा, शिक्षक योग्यता और प्रबंधन शामिल है.– स्कूल सरकारी, निजी या स्वायत्त संगठनों (जैसे KVS, NVS) द्वारा संचालित हो सकता है.

ऑनलाइन आवेदन: – स्कूल को CBSE की ऑफिशियल वेबसाइट saras.cbse.gov.in पर SARAS (School Affiliation Re-engineered Automation System) पोर्टल के जरिए आवेदन करना होता है.

आवेदन के प्रकार: – नई संबद्धता (Fresh Affiliation): नए स्कूलों के लिए.– अपग्रेडेशन: मिडिल से सेकेंडरी या सीनियर सेकेंडरी स्तर तक.– स्विच ओवर: राज्य बोर्ड से CBSE में बदलाव.– नवीनीकरण: मौजूदा संबद्धता की अवधि बढ़ाने के लिए.

दस्तावेज जमा करना:– नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC): राज्य सरकार से यह प्रमाण पत्र कि उसे स्कूल के CBSE से संबद्ध होने पर कोई आपत्ति नहीं है.– मान्यता प्रमाण पत्र: राज्य शिक्षा विभाग से मान्यता.– ट्रस्ट/सोसायटी पंजीकरण: स्कूल चलाने वाली संस्था का पंजीकरण प्रमाण.– भूमि दस्तावेज: स्वामित्व या लीज के प्रमाण (कम से कम 15 साल की लीज).– सुरक्षा प्रमाण पत्र: अग्नि सुरक्षा, भवन सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र.– शिक्षक और स्टाफ विवरण: उनकी योग्यता और नियुक्ति पत्र.

निरीक्षण:– CBSE एक निरीक्षण समिति भेजता है जो स्कूल के बुनियादी ढांचे, सुविधाओं और दस्तावेजों की जांच करती है.– कोविड-19 के बाद से वर्चुअल निरीक्षण का भी प्रावधान है.

अप्रूवल:– अगर निरीक्षण रिपोर्ट संतोषजनक होती है और सभी शर्तें पूरी होती हैं तो CBSE ‘Letter of Intent’ जारी करता है.– इसके बाद संबद्धता दी जाती है, जो आमतौर पर 5 साल के लिए होती है.

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सीबीएसई की मान्यता के लिए नियम और शर्तेंCBSE के संबद्धता उपनियमों (Affiliation Bye-Laws, 2018) के अनुसार स्कूलों को नीचे लिखी शर्तों का पालन करना होता है:

1. स्कूल का स्वामित्व और प्रबंधन– स्कूल किसी पंजीकृत सोसायटी, ट्रस्ट या कंपनी (सेक्शन 8 के तहत) द्वारा संचालित होना चाहिए.– प्रबंधन समिति में कम से कम 5 सदस्य होने चाहिए, जिसमें शिक्षा विशेषज्ञ शामिल हों.

2. जमीन से जुड़े नियम– मेट्रो शहरों (दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई) में न्यूनतम 1600 वर्ग मीटर.– अन्य शहरों में 2000 वर्ग मीटर (कक्षा 10 तक) और 3000 वर्ग मीटर (कक्षा 12 तक).– ग्रामीण क्षेत्र: कम से कम 2 एकड़ (लगभग 8000 वर्ग मीटर).– विशेष क्षेत्र: पहाड़ी इलाके, पूर्वोत्तर राज्य और द्वीपों में छूट दी जा सकती है.– भूमि का स्वामित्व स्कूल के नाम पर होना चाहिए या 15 साल की लीज पर ली गई हो.

3. बुनियादी ढांचा– कक्षा का आकार: प्रति छात्र 1 वर्ग मीटर जगह, अधिकतम 40 छात्र प्रति कक्षा.– लाइब्रेरी: न्यूनतम 14 मीटर x 8 मीटर, पर्याप्त किताबों और डिजिटल संसाधनों के साथ.– लैब्स: फिजिक्स, केमिस्ट्री, बायोलॉजी और कंप्यूटर लैब अनिवार्य.– खेल सुविधाएं: कम से कम 200 मीटर का ट्रैक और आउटडोर खेलों के लिए जगह.– सुरक्षा: अग्नि सुरक्षा, स्वच्छता, पीने का पानी और दिव्यांगों के लिए रैंप.

4. शिक्षक और स्टाफ– शिक्षकों की योग्यता: B.Ed. और TET/CTET पास होनी चाहिए.– छात्र-शिक्षक अनुपात 30:1 से अधिक नहीं होना चाहिए.– प्रिंसिपल के पास कम से कम 5 साल का शिक्षण अनुभव होना चाहिए.

5. पाठ्यक्रम– स्कूल को CBSE द्वारा निर्धारित NCERT पाठ्यक्रम का पालन करना होगा.– कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई शुरू करने से पहले संबद्धता लेना अनिवार्य है.

6. कानूनी अनुपालन– स्कूल को RTE Act 2009 और राज्य शिक्षा नियमों का पालन करना होगा.– कोई भी सांप्रदायिक या भेदभावपूर्ण सामग्री लाइब्रेरी में नहीं होनी चाहिए.

7. शुल्क– संबद्धता शुल्क स्कूल के स्तर और लोकेशन पर निर्भर करता है:मिडिल स्तर: 50,000 से 1,00,000 रुपये.सेकेंडरी स्तर: 1,00,000 से 1,50,000 रुपये.सीनियर सेकेंडरी: 1,50,000 से 2,00,000 रुपये.– देरी या नियम तोड़ने पर जुर्माना भी लग सकता है.

काम की बात– NOC की छूट: 2025 में हुए संशोधन के अनुसार, अगर राज्य सरकार 30 दिनों में NOC पर जवाब नहीं देती है तो CBSE इसे ‘कोई आपत्ति नहीं’ मान सकता है.– निरीक्षण के बाद: अगर कमियां पाई जाती हैं तो स्कूल को सुधार के लिए समय दिया जाता है.– अपग्रेडेशन: हर 5 साल में संबद्धता अपग्रेड़ करानी होती है.

सीबीएसई बोर्ड की मान्यता के लिए कैसे आवेदन करें?– स्कूल प्रबंधन CBSE की वेबसाइट पर Affiliation Bye-Laws पढ़े.– सभी दस्तावेज तैयार करें और SARAS पोर्टल पर अपलोड करें.– निरीक्षण की तैयारी करें और कमियों को दूर करें.– एक्सपर्ट से सलाह लें क्योंकि प्रक्रिया जटिल हो सकती है.– यह प्रक्रिया स्कूलों को हाई क्वॉलिटी शिक्षा और राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाती है.

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