Champa Flower: मां लक्ष्मी के इस प्रिय फूल से आपके घर मेंं होगी पैसों की बारिश, दूर होगी निगेटिविटी, सिरदर्द में भी है कारगर
जयपुर. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंपा का पौधा बहुत विशेष है. इस फूल के गुणों के कारण यह देवी-देवताओं को अर्पित करने के काम भी आता है. इसलिए इसे टेंपल ट्री के नाम से भी जाना जाता है. चंपा का फूल बहुत सुगंधित व सुंदर फूल होता है. धर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढांढण ने बताया कि चंपा का पौधा भगवान श्री कृष्ण को बहुत पसंद है. इसका वर्णन हिंदू शास्त्रों में भी मिलता है.
खाटूश्याम जी के शृंगार में होता है इस्तेमाल चम्पा फूल का भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं में विशेष महत्व है. यह अपनी मनमोहक सुगंध और आकर्षक रूप के कारण पूजा और धार्मिक अनुष्ठानों में विशेष स्थान रखता है. इस फूल को पूजा में अर्पित करने से भक्तों को विशेष आशीर्वाद मिलने की मान्यता है. इसके अलावा विश्व प्रसिद्ध कलयुग के अवतार खाटूश्याम जी को भी अधिकांश समय चंपा के फूल से ही सजाया जाता है.
सौंदर्य और शांति का प्रतीकधर्म विशेषज्ञ चंद्रप्रकाश ढ़ांढ़ण ने बताया कि चम्पा का फूल शांति, पवित्रता और आंतरिक सौंदर्य का प्रतीक है. मान्यता है कि चम्पा का फूल देवी लक्ष्मी को भी बहुत प्रिय है. इसे उनकी पूजा में अर्पित करने से धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है. चम्पा का पेड़ घर के आसपास लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. यह घर को बुरी शक्तियों से बचाने और सुख-शांति बनाए रखने में सहायक माना जाता है. कई लोकगीतों और कथाओं में चम्पा के फूल का उल्लेख मिलता है.
चंपा के औषधीय गुणआयुर्वेद में भी चंपा के पौधे का उपयोग किया जाता है. इसके पौधे की छाल, पत्तों रस और जड़े बहुत उपयोगी मानी जाती है. आयुर्वेदिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि चंपा के फूल की सुगंध से सिर दर्द में आराम मिलता है. चंपा के तेल से सिर की मालिश करने से तुरंत आराम मिलता है. इसके अलावा चंपा के फूल का चूर्ण पानी में मिलाकर पीने से पेशाब करने में दिक्कत होने की समस्या दूर हो सकती है. डॉक्टर ने बताया कि चंपा की तासीर आंखों की जलन को ठीक करती है. चंपा के फूल का चूर्ण बनाकर कुछ दिनों तक सेवन करने से आंखों की जलन में तुरंत आराम मिलता है.
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FIRST PUBLISHED : December 28, 2024, 15:37 IST