30 साल की उम्र से हर सप्ताह चेक करें बीपी वरना आउट ऑफ कंट्रोल हो जाएगा हाइपरटेंशन, हार्ट, किडनी, आंखें सब पर होगा असर

BP Check Regularly After 30: लेंसेट पत्रिका के मुताबिक हर चार में से एक भारतीय को हाई ब्लड प्रेशर है. यानी मोटा-मोटी करीब 30 करोड़ लोगों को हाई ब्लड प्रेशर है. अगर वयस्कों की बात करें करीब आधे वयस्कों को हाई ब्लड प्रेशर है. चिंता की बात यह है कि इनमें से आधे को पता भी नहीं कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर है. अधिकांश पता होने के बावजूद भी दवा नहीं खाते. हाई ब्लड प्रेशर ऐसी बीमारी है जो खून की नलियों पर दबाव डालता है जिसका सीधा असर हार्ट पर होता है. इससे किडनी, लिवर, पैंक्रियाज, आंखें सब प्रभावित होती है. इसलिए डॉक्टरों का मानना है कि चाहे किसी को हाई बीपी हो या न हो 30 साल की उम्र के बाद हर सप्ताह उसे ब्लड प्रेशर चेक कराना चाहिए.
जागरुकता बहुत जरूरी टीओआई की खबर के मुताबिक विश्व हाइपरटेंशन दिवस के अवसर पर वाराणसी के बीएचयू के स्वास्थ्य विभाग ने एक महीने तक चलने वाले जन जागरुकता अभियान और स्क्रीनिंग कार्यक्रम की शुरुआत की है. इस अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संदीप चौधरी ने बताया कि हर वर्ष 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष की थीम है , अपना बीपी सटीक रूप से मापें, उसे नियंत्रित करें और लंबा जीवन जिएं. इस अभियान का उद्देश्य है लोगों में उच्च रक्तचाप को लेकर जागरुकता बढ़ाना, समय रहते उसका पता लगाना और सामुदायिक स्तर पर इसका उपचार सुनिश्चित करना. उन्होंने कहा कि लोगों में जागरुकता इस बीमारी के दुष्प्रभावों से बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है.
जागरूकता कार्यक्रम और स्क्रीनिंग अभियानमेडिकल कॉलेज में डिप्टी सीएमओ और कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. वाईबी पाठक ने कहा कि जिस तरह से युवाओं में हाई बीपी का खतरा बढ़ रहा है, उसमें 30 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को नियमित रूप से अपना बीपी जांच कराना चाहिए. उन्होंने बताया कि हाइपरटेंशन या उच्च रक्तचाप शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित करता है, जिससे दिल का दौरा, स्ट्रोक, किडनी फेल होना, आंकें कमजोर होना और सोचने-समझने की क्षमता में गिरावट जैसी समस्याएं हो सकती हैं. यह दुनिया भर में मौत के प्रमुख कारणों में से एक है. हाई ब्लड प्रेशर साइलेंट किलर है क्योंकि यह धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाता है लेकिन इसे सही इलाज और जीवनशैली में बदलाव के जरिए नियंत्रित किया जा सकता है.
हाइपरटेंशन के लक्षण को कैसे पहचानें डॉ. पाठक ने बताया कि हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप आमतौर पर खराब जीवनशैली, मोटापा, तनाव की अनदेखी और खराब खानपान के कारण होता है. यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह दिल का दौरा, स्ट्रोक, क्रॉनिक किडनी डिजीज और आंखों की रोशनी जाने जैसे गंभीर परिणाम दे सकता है. इसके सामान्य लक्षणों में सिरदर्द, अत्यधिक तनाव, सीने में दर्द या भारीपन, सांस लेने में कठिनाई, अचानक बेचैनी, बोलने या समझने में परेशानी, चेहरे, हाथ या पैरों में सुन्नता या कमजोरी और धुंधला दिखना शामिल हैं.
हाई ब्लड प्रेशर से कैसे बचें हाई ब्लड प्रेशर से बचाव के लिए जरूरी है कि व्यक्ति का औसत रक्तचाप 85 से 135 के बीच बना रहे. यदि यह स्तर इससे अधिक हो तो इलाज जरूरी हो जाता है. ऐसे मरीजों को नियमित रूप से बीपी की जांच करानी चाहिए और अपने खानपान पर विशेष ध्यान देना चाहिए. संतुलित आहार अपनाएं, वजन को नियंत्रित रखने के लिए नियमित व्यायाम करें और धूम्रपान तथा शराब के सेवन से पूरी तरह बचें. इन उपायों को अपनाकर हाइपरटेंशन को रोका जा सकता है और गंभीर बीमारियों से भी बचा जा सकता है.
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