आतिशी No.1, फिर दिल्ली विधानसभा में अरविंद केजरीवाल की कितनी नंबर सीट? बगल में फिर वही पुराना यार

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी की आतिशी अब दिल्ली की सीएम बन चुकी हैं. अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया है. आतिशी ने भले ही सीएम की कुर्सी खाली छोड़ दी, मगर विधानसभा में सीट खाली नहीं रहेगी. नए सियासी समीकरण में दिल्ली विधानसभा की तस्वीर भी अब बदली नजर आएगी. कभी विधानसभा में नंबर एक सीट पर अरविंद केजरीवाल बैठते थे. मगर अब उनकी सीट बदल गई है. मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद एक नंबर सीट की जगह अब अरविंद केजरीवाल 41 नंबर सीट पर बैठेंगे. अरविंद केजरीवाल के ठीक बगल में मनीष सिसोदिया की सीट होगी.
दिल्ली विधानसभा के नए सीटिंग अरेंजमेंट के मुताबिक, दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी को पहली सीट दी गई है. पहले नंबर की सीट पर पहले दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल बैठते थे. अब उन्हें 41 नंबर की सीट अलॉट हुई है. यहां दिलचस्प है कि अरविंद केजरीवाल जब मुख्यमंत्री थे, तब दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने वालीं आतिशी सीएम बनने से पहले विधानसभाब में सीट नंबर 19 पर बैठती थीं.
दरअसल, दिल्ली विधानसभा की सीटिंग अरेंजमेंट के हिसाब से अरविंद केजरीवाल सीधे एक नंबर से 41 नंबर सीट पर बैठेंगे. ये सीट स्पीकर के ठीक सामने की सीट है. चुनावी राजनीति में आने के बाद से अरविंद केजरीवाल हमेशा मुख्यमंत्री पद पर रहे हैं. लिहाजा विधानसभा में उनकी सीट का नंबर एक था. अरविंद केजरीवाल के साथ सीट नंबर 40 नंबर पर मनीष सिसोदिया बैठेंगे. पहले अरविंद केजरीवला और सिसोदिया नंबर और नंबर दो सीट पर बैठते थे. अब नए अरेंजमेंट के हिसाब सीएम आतिशी सदन में सीट नंबर 1 पर और मंत्री सौरभ भारद्वाज सीट नंबर 2 पर बैठेंगे.
दरअसल, दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र आज यानी बृहस्पतिवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की, जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी. जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल ने सदन में मुद्दे उठाने वाले नेताओं के नाम सूचीबद्ध किए, भाजपा नेताओं ने इस पर आपत्ति जताई और मांग की कि उनके मुद्दे भी उठाए जाएं.
इसके बाद आम आदमी पार्टी और भाजपा के नेताओं ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद गोयल ने कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी. भाजपा विधायकों ने मांग की कि लंबित सीएजी रिपोर्ट सदन में पेश की जाएं. उपराज्यपाल सचिवालय ने मुख्य सचिव धर्मेंद्र और वित्त सचिव आशीष चंद्र वर्मा को पत्र लिखा, जिसमें उनसे अनुरोध किया गया कि इस मामले को मुख्यमंत्री के ध्यान में लाने के बाद वे सत्र के दौरान विधानसभा में शीर्ष लेखा परीक्षक सीएजी की लंबित रिपोर्टें पेश करें. समझा जाता है कि मुख्यमंत्री आतिशी के नेतृत्व में नयी सरकार शुक्रवार को सदन में विश्वास मत हासिल करेगी।.
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FIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 14:32 IST