Chandrayaan-3 Updates: चंद्रयान-3 ने दी चांद की दहलीज पर दस्तक! सिर्फ 25 Km दूर, अब सूरज निकलने का इंतजार
हाइलाइट्स
चंद्रयान-3 का दूसरा और अंतिम डी-बूस्टिंग प्रक्रिया पूरा हो चुका है.
अब लैंडर की इंटरनल जांच होगी.
इसके बाद लैंडिंग साइट पर सूरज निकलने तक इंतजार किया जाएगा.
नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अंसुधान संगठन (ISRO) ने रविवार को अपने चंद्रयान-3 मिशन को लेकर बड़ा अपडेट दिया. इसरो के मुताबिक अंतरीक्ष यान के लैंडर मॉड्यूल ‘विक्रम’ को चंद्रमा के करीब लाते हुए दूसरा और अंतिम डी-बूस्टिंग प्रक्रिया सफलता पूर्वक संपन्न कर ली गई. डी-बूस्टिंग में लैंडर मॉड्यूल की स्पीड को धीमा किया जाता है, जिससे उसे चंद्रमा की सतह पर आसानी से उतारा जा सके. डी-बूस्टिंग ऑपरेशन ने लैंडर मॉड्यूल ‘विक्रम’ को चंद्रमा की 25 किमी x 134 किमी कक्षा (ऑर्बिट) में पहुंचा दिया है.
भारतीय अंतरिक्ष अंसुधान संगठन ने कहा है कि अब विक्रम लैंडर को आंतरिक जांच से गुजरना होगा और निर्धारित लैंडिंग स्थल पर सूर्योदय का इंतजार करना होगा. ISRO ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि ‘दूसरे और अंतिम डी-बूस्टिंग ऑपरेशन ने ऑर्बिट को सफलतापूर्वक 25 किमी x 134 किमी तक सीमित कम कर दिया है. अब लैंडर की इंटरनल जांच होगी और जब तक लैंडिंग साइट पर सूरज नहीं निकलता तब तक इंतजार किया जाएगा.’
Chandrayaan-3 Mission:
The second and final deboosting operation has successfully reduced the LM orbit to 25 km x 134 km.
The module would undergo internal checks and await the sun-rise at the designated landing site.
The powered descent is expected to commence on August… pic.twitter.com/7ygrlW8GQ5
— ISRO (@isro) August 19, 2023
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चांद पर कब होगी चंद्रयान-3 की लैंडिंग? ISO ने बताया समय
चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का फॉलोअप मिशन है जिसका लक्ष्य चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सुरक्षित लैंडिंग करना है. ISRO ने X पर अपने पोस्ट में बताया कि चांद की सतह पर 23 अगस्त की शाम 5:45 बजे सबसे कम दूरी यानी 25 किलोमीटर की ऊंचाई से विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद है. चांद पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग के बाद अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा. चंद्रयान-3 का प्रोपल्शन मॉड्यूल चंद्रमा की परिक्रमा करता रहेगा और दूसरे ग्रहों से आने वाली रेडिएशन का अध्ययन यह पता लगाने के लिए करेगा कि पृथ्वी के अतिरिक्त कहीं और जीवन संभव है या नहीं.
भारत के चंद्रयान 3 और रूस के लूना-25 के बीच चांद को छूने की होड़
वहीं लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान चंद्रमा की सतह पर पानी की खोज सहित अन्य अध्यन करेंगे. इस महीने की शुरुआत में लॉन्च किए गए रूस के लूना-25 अंतरिक्ष यान के चंद्रयान-3 से एक दिन पहले चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने की उम्मीद जताई जा रही थीं. हालांकि, रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने शनिवार को लूना-25 को लेकर एक ‘असामान्य स्थिति’ की सूचना दी. रोस्कोस्मोस ने एक बयान में कहा कि उसके अंतरिक्ष यान लूना-25 को लैंडिंग करने से पहले ऑर्बिट बदलने की कोशिश के दौरान एक इमरजेंसी सिचुएशन का सामना करना पड़ा है. हालांकि, रोस्कोस्मोस ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि इस घटना का प्रभाव लूना-25 की लैंडिंग पर पड़ेगा या नहीं.
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Tags: Chandrayaan-3, ISRO, Mission Moon
FIRST PUBLISHED : August 20, 2023, 12:20 IST