Chargesheet To Chief Engineer Chauhan, The Sword Of Dismissal Hanging – मुख्य अभियंता चौहान को चार्जशीट, लटकी बर्खास्तगी की तलवार

कार्मिक विभाग ने सौंपी चार्जशीट

जयपुर। कार्मिक विभाग ने जलदाय विभाग के मुख्य अभियंता सी.एम. चौहान को चार्जशीट थमाई है। साथ ही उनके खिलाफ राजस्थान सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 के तहत अनुशासनात्मक जांच करने का भी निर्णय किया है। विभाग ने चौहान के खिलाफ आरोप पत्र तय कर 15 दिन में अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। सूत्रों के मुताबिक अब उन पर बर्खास्तगी की तलवार भी लटकी हुई है। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (अभाव अभियोग प्रकोष्ठ) के प्रदेश संयोजक पंकज शर्मा ने सरकार को चौहान की गलत तरीके से अनुकम्पा नियुक्ति मामले से जुड़े दस्तावेज सौंपे थे।
यह आरोप पत्र
-चौहान के पिता वन विभाग में उप वन संरक्षक के पद पर कार्यरत थे। उनकी मृत्यु के बाद मृतक कर्मचारी के आश्रितों की भर्ती नियम के तहत सहायक अभियंता (सिविल) पद के लिए वन विभाग को मई, 1991 में आवेदन किया गया।
-मृतक सरकारी कर्मचारियों के आश्रितों की भर्ती नियम 1975 में स्पष्ट प्रावधान था कि उसी सदस्य को अनुकम्पा नियुक्ति की जाएगी, जो केन्द्र, राज्य सरकार में कार्यरत नहीं हो। जबकि चौहान अनुकम्पा नियुक्ति आवेदन करने के दौरान सार्वजनिक निर्माण विभाग में बतौर कनिष्ठ अभियंता कार्यरत थे।
-वन विभाग में सहायक अभियंता (सिविल) का कोई पद रिक्त नहीं होने के कारण आवेदन पत्र कार्मिक विभाग ने जलदाय विभाग को भेजा। इसके बाद सितम्बर, 1992 को चौहान की जलदाय विभाग में नियुक्ति की गई।
-अनुकम्पा नियुक्ति आवेदन में यह अंकित नहीं गया कि चौहान सार्वजनिक निर्माण विभाग में कार्यरत हैं। उन्होंने तथ्य छिपाए और अपात्र होते हुए भी अनुकम्पा नियुक्ति ले ली। मुख्य अभियंता, पीडब्ल्यूडी को अक्टूबर 1992 को भेजे गए त्याग पत्र स्वीकृत या अस्वीकृत होने के संबंध में भी कोई तथ्य प्रस्तुत नहीं किया गया।