Chhath puja : भीलवाड़ा में छठ महापर्व की धूम, बाजारों में पूजा सामग्री की भरमार, व्रती श्रद्धा के साथ अर्घ्य अर्पित

Last Updated:October 26, 2025, 19:26 IST
Chhath puja : भीलवाड़ा में चार दिवसीय छठ महापर्व उत्साह और श्रद्धा के साथ शुरू हुआ. शहर के बाजारों में पूजा सामग्री की खरीदारी जोर-शोर से हो रही है. नहाय-खाय से पर्व की शुरुआत हुई, व्रती खरना के व्रत में निर्जला उपवास रखते हैं. महिलाएं सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित कर पूजा कर रही हैं. बाजारों में रौनक और श्रद्धालुओं की भागदौड़ देखने लायक है.
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भीलवाड़ा : वस्त्र नगरी भीलवाड़ा में छठ पूजा का त्यौहार उत्साह के साथ मानाय जाता है. छठ महापर्व को लेकर शहर के बाजारों में रौनक देखने को मिल रही है. भीलवाड़ा में रहने वाले पूर्वांचल निवासी छठ पूजा के लिए श्रद्धा भाव के साथ खरीदारी कर रहे हैं पूर्वांचल मूल के लोगों में इस पर्व को लेकर विशेष उत्साह है. महिलाएं सूर्य देव की आराधना के लिए तैयारी में जुटी हैं. नहाय-खाय के साथ पर्व की शुरुआत हो चुकी है और जल्द ही अर्घ्य दान का शुभ मुहूर्त आएगा. भीलवाड़ा शहर के मुख्य स्थानों पर पूजा होंगी जिसके लिए भीलवाड़ा में बाजार सज गए हैं. मार्केट में छठ पूजा से जुड़ी सामग्री की बिक्री जोरों पर है. दुकानों पर पूजा सामग्री, टोकरी, सुप, नारियल, गन्ना, फल, मिट्टी के दीये, नए कपड़े और सजावटी वस्तुओं की भरमार लगी हुई है. बाजारों में खरीददारों की भीड़ के चलते पूरे क्षेत्र में उत्सव जैसा माहौल बन गया है.
पूजा सामग्री विक्रेता भानु कुमार ने बताया कि भीलवाड़ा में छठ पूजा का त्योहार हर साल बेहद धूमधाम से मनाया जाता है. उन्होंने कहा यहां बड़ी संख्या में पूर्वांचलवासी रहते हैं जो इस पर्व को पूरे मनोयोग से मनाते हैं. छठ के नजदीक आते ही बाजारों में रौनक बढ़ जाती है. पूजा सामग्री, सुप, टोकरी, गन्ना, नारियल और फल की बिक्री में इस बार 20 से 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. महिलाएं श्रद्धा के साथ छठी मैया की पूजा करती हैं और डूबते तथा उगते सूर्य को अर्घ्य देती हैं. पिछले 20 वर्षों से मैं इस व्यवसाय से जुड़ा हूं और हर साल लोगों की आस्था में वृद्धि देख रहा हूं. उन्होंने बताया कि इस समय दुकानों पर विशेष रूप से बनारसी सुप, बांस की टोकरी, मिट्टी के दीपक, फल-पत्ते और पारंपरिक सजावट के सामान की खूब मांग है. खरीदारों की संख्या और बढ़ने की उम्मीद है.
भीलवाड़ा में छठ महापर्व की धूमभीलवाड़ा में रहने वाले पूर्वांचल समाज के सदस्य सचिन झा ने बताया कि शहर में चार दिवसीय छठ महापर्व शनिवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ. श्रद्धालुओं ने अपने घरों की सफाई कर पवित्र स्नान किया और मिट्टी के चूल्हे पर लौकी की सब्जी, चने की दाल और चावल बनाकर सात्विक भोजन ग्रहण किया. इसी के साथ इस पावन पर्व की शुरुआत हुई. रविवार को व्रतधारी ‘खरना’ का व्रत मना रहे हैं. उन्होंने बताया कि खरना के दिन व्रती दिनभर निर्जला व्रत रखते हैं और शाम को मिट्टी के चूल्हे पर गन्ने के रस में बनी खीर, दूध-चावल का पिठ्ठा और घी लगी रोटी बनाकर सूर्य भगवान को अर्पित करते हैं. प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रती 36 घंटे के कठिन निर्जल उपवास का संकल्प लेते हैं, जो सोमवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य और मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पूर्ण होता है.
भीलवाड़ा में बढ़ी छठ की परंपरा भीलवाड़ा एक औद्योगिक नगरी होने के कारण यहां पर बड़ी संख्या में पूर्वांचल निवासी रहते हैं और यहां पर 50,000 से अधिक जनसंख्या में पूर्वांचल लोक निवास करते हैं जिसके कारण भीलवाड़ा में छठ महापर्व का एक अलग ही उत्साह रहता है पिछले कुछ वर्षों में भीलवाड़ा में छठ महापर्व का दायरा लगातार बढ़ा है. शहर के पूर्वांचल समाज के अलावा अन्य समुदायों के लोग भी इस उत्सव में शामिल होकर सूर्य देव की आराधना करते हैं. सामाजिक संगठनों और मंडलों की ओर से भी छठ घाटों पर सेवा शिविर, भजन संध्या और साफ-सफाई अभियान चलाए जा रहे हैं.
रुपेश कुमार जायसवाल ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के ज़ाकिर हुसैन कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस और इंग्लिश में बीए किया है. टीवी और रेडियो जर्नलिज़्म में पोस्ट ग्रेजुएट भी हैं. फिलहाल नेटवर्क18 से जुड़े हैं. खाली समय में उन…और पढ़ें
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Location :
Bhilwara,Rajasthan
First Published :
October 26, 2025, 19:26 IST
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Chhath puja : भीलवाड़ा में छठ महापर्व की धूम, बाजार में पूजा सामग्री की रौनक
 


