शहर में 192 निर्भया स्क्वाड मगर शाम होते ही सहम जाती हैं बच्चियां
जो महिलाएं कामकाज के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करती है उन्हें रात होते ही सुरक्षित घर पहुंचने की चिंता लग जाती है। पब्लिक ट्रांसपोर्ट में युवा ही नहीं अधेड़ उम्र के मनचले भी उन्हें सेक्शुअली हैरसमेंट करते हैं। नहीं दिखतीं निर्भया स्क्वॉयड
शहर में 192 निर्भया स्क्वॉयड होने के बावजूद लफंगे बच्चियों पर अभद्र कमेंट करते है। इनमें से करीब 50 मोबाइल स्क्वॉयड हैं जो सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक गस्त करती हैं। पीडि़त महिलाओं और बच्चियों का कहना है कि स्क्वॉयड कहां गश्त करती हैं जो मौके पर दिखती नहीं इसकी भी खोज-खबर होनी चाहिए।
मुश्किल में हैं तो क्या करें
शहर में अगर देर-सबेर कोई महिला या बच्ची किसी मुश्किल में है तो महिला गरिमा हेल्पलाइन-1090, वाट्सऐप हेल्पलाइन 8764868200, 7300363636 या फिर 100 या 112 नंबरोंं पर कॉल कर मदद ली जा सकती है। निर्भया स्क्वॉयड की तरफ से वर्ष 2022-23 में 12000 लोगों पर कार्रवाई की गई है। इसके अलावा 2 लाख छात्राओं और युवतियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण भी दिया गया है।
केस 1. परकोटा निवासी शिवानी शर्मा (बदला नाम) ने बताया कि ऑफिस से घर जाते समय रात करीब 8.30 बजे गांधी नगर मोड़ के पास बस स्टॉप पर दो लड़के आए और बाइक आगे लगाकर बोले- चलती है क्या… घर छोड़ देते हैंं। बस आने तक दोनों लड़के वहीं चक्कर लगाते रहे।
केस 2. ब्रह्मपुरी निवासी आरती सैनी (बदला नाम) ने बताया कि वे दफ्तर से रात 10 बजे स्कूटी से घर जा रही थी तभी गांधी सर्कल पर एक बाइक सवार युवक और अधेड़ ऑटो चालक उनकी स्कूटी के पास आकर बोले- धीरे चलो मैडम… इतनी क्या जल्दी है। फिर कपड़ों पर कॉमेंट्स करने लगे।
मदद कर रहीं निर्भया स्क्वॉयड
शहर में 50 थाना क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर निर्भया स्क्वॉयड की टीम सुबह से रात गश्त पर रहती हंै। छेड़छाड़ में 254 स्थान हॉट स्पॉट हैं, जहां पर विशेष निगरानी रखी जाती है। इसके अलावा सूचना मिलने पर निर्भया स्क्वॉयड टीम मदद के लिए पहुंचती है।
– सुनीता मीणा, एडिशनल डीसीपी, निर्भया स्क्वॉयड