अब पशुओं की नस्ल जानने के लिए ‘पारखी’ की जरूरत खत्म, बस एक क्लिक पर मिलेगी पूरी जानकारी

सीकर. पशुपालन विभाग ने पशुगणना को लेकर कुछ नवाचार किए हैं. केंद्र सरकार के निर्देश के बाद राजस्थान में 2024 में पशुगणना के लिए पशुपालन विभाग जुट गया है. इस बार किए गए नवाचार के तहत पशुगणना के बाद एक क्लिक पर पता चल जाएगा कि कौन से घर में किस नस्ल का पशु है. पशुगणना गणना को लेकर निदेशालय के जरिए केंद्र सरकार को शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की अलग- अलग एलजी डायरेक्ट्री भेजी है. पारखी उस व्यक्ति को कहा जाता है जो किसी भी चीज को पहचानने में माहिर हो.
प्रगणक और सुपरवाइजर नियुक्त किएविभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. ओमप्रकाश ने बताया कि पशुगणना को लेकर राजस्थान के सभी जिलों में प्रगणक नियुक्त किए गए हैं, जिसमें शहरी क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्र के मुकाबले कम प्रगणक शामिल किए जाएंगे. प्रगणकों की संख्या ग्रामीण क्षेत्र में अधिक है. जो पशुगणना के कार्य को पूरा करेंगे. प्रगणकों के सुपरविजन के लिए सुपरवाइजर नियुक्त किए हैं. सुपरवाइजरों की संख्या प्रगणकों से कम होगी.
पशुओं की गणना नस्ल के अनुसार होगीपशुगणना के जिलास्तरीय नोडल अधिकारी ने बताया कि एलजी डायरेक्ट्री का मतलब है कि जिले के प्रत्येक वार्ड व राजस्व आबाद गांव का एक यूनिक कोड होगा. गणना के तहत प्रत्येक वार्ड व गांव में आबाद घरों की गणना की जाएगी. इन्हें कुल हाउस होल्ड कहा जाएगा.
प्रत्येक हाउस होल्ड में पशुओं की गणना उनकी नस्ल के अनुसार की जाएगी. गणना से पूर्व सुपरवाइजर व प्रगणक को सॉफ्टवेयर व काम का प्रशिक्षण दिया जाएगा. भारत सरकार की तरफ से पशुगणना के कार्य का कैलेंडर जारी किया गया है. इसी कैलेंडर के अनुसार काम किया जा रहा है.
FIRST PUBLISHED : May 4, 2024, 15:56 IST