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बच्चे पढ़ाते कोटा-दिल्ली, एडमिशन यूपी-बिहार में? बोर्ड एग्जाम देने पर लगेगा ब्रेक!

Last Updated:March 28, 2025, 13:01 IST

CBSE Board Exam: अगर आप अपने बच्चों को कोटा, दिल्ली में पढ़ाई करवा रहे हैं और उनका एडमिशन यूपी, बिहार में करवा रखे हैं, तो सावधान हो जाएं, क्योंकि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने साफ-साफ कह दिया है कि …और पढ़ेंबच्चे पढ़ाते कोटा-दिल्ली, एडमिशन यूपी-बिहार, तो नहीं मिलेगा परीक्षा में बैठने

CBSE School New: रेगुलर स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को बोर्ड परीक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा.

CBSE Board Exam: अगर आप अपने बच्चों को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) के स्कूल में पढ़ा रहे हैं, तो सावधान हो जाए. क्योंकि अगर आपका बच्चा रेगुलर स्कूल नहीं जाता है, तो परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा. इसके बार में सीबीएसई ने स्पष्ट कर दिया है कि वे उन छात्रों को कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं देंगे, जो रेगुलर रूप से स्कूल नहीं जाते हैं. अधिकारियों के अनुसार डमी स्कूलों में नामांकन लेने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों को इस निर्णय की पूरी जिम्मेदारी उठानी होगी.

सीबीएसई ऐसे छात्रों को रोकने के लिए परीक्षा उपनियमों में संशोधन करने पर विचार कर रहा है और उन्हें राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) के तहत परीक्षा देने का सुझाव दिया जा सकता है. बोर्ड के एक सीनियर ऑफिसर ने बताया कि यदि किसी छात्र की उपस्थिति संदिग्ध पाई जाती है या निरीक्षण के दौरान उसकी गैर-मौजूदगी दर्ज की जाती है, तो उसे परीक्षा में शामिल होने से रोका जा सकता है. इसके अलावा, ऐसे छात्रों को बढ़ावा देने वाले स्कूलों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें संबद्धता नियमों का उल्लंघन करने वाले संस्थानों को दंडित किया जा सकता है.

सीबीएसई की गवर्निंग बोर्ड की हालिया बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई, जिसमें सिफारिश की गई कि इस नियम को शैक्षणिक सेशन वर्ष 2025-2026 से लागू किया जाए. परीक्षा समिति ने स्पष्ट किया कि बोर्ड परीक्षाओं में बैठने के लिए छात्रों को कम से कम 75 प्रतिशत उपस्थिति बनाए रखना जरूरी होगा. यदि यह शर्त पूरी नहीं होती है, तो केवल नामांकन कर लेने भर से छात्र परीक्षा में बैठने के योग्य नहीं होंगे. कुछ विशिष्ट परिस्थितियों मेडिकल आपातकाल, राष्ट्रीय या अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं में भाग लेना या अन्य अपरिहार्य कारण में छूट प्रदान करने का प्रावधान रहेगा. इन मामलों में 25 प्रतिशत तक की छूट दी जा सकती है.

सीबीएसई इस विषय पर एनआईओएस के साथ विचार-विमर्श कर आवश्यक दिशा-निर्देश तैयार करेगा, जिन्हें अगले शैक्षणिक सेशन में लागू किया जा सकता है. अधिकारियों ने यह भी कहा कि मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले कई छात्र डमी स्कूलों में एडमिशन लेते हैं ताकि वे अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सकें. इसके अलावा, कुछ छात्र राज्य-विशिष्ट कोटा लाभ प्राप्त करने के लिए भी ऐसा करते हैं, जिससे वे कुछ क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के अवसरों का लाभ उठा सकें.

डमी स्कूलों की बढ़ती संख्या और इससे उत्पन्न हो रही चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सीबीएसई यह सुनिश्चित करना चाहता है कि केवल वे छात्र ही बोर्ड परीक्षाओं में शामिल हों, जिन्होंने रेगुलर रूप से स्कूल में अध्ययन किया है. यह कदम शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है.

First Published :

March 28, 2025, 13:01 IST

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