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China, irritated by a line from its own national anthem, imposed a ban | अपने ही राष्ट्रगान को सेंसर कर रहा चीन, लगा दिया प्रतिबंध

चीन में देश के राष्ट्रगान की एक पंक्ति का प्रयोग चीनी सरकार को इतना नागवार गुजरा कि उस पंक्ति को ही इंटरनेट पर बैन कर दिया। क्योंकि स्थानीय लोग इसका इस्तेमाल अपनी आवाज उठाने के लिए कर रहे हैं।

नई दिल्ली

Published: April 24, 2022 07:42:36 pm

चीन में जारी सख्त लॉकडाउन ने वहां के निवासियों के जनजीवन को अस्त व्यस्त कर दिया है। चीन की असलियत यह है कि वह अंदर से पूरी तरह से टूट चुका है। दुनिया से ड्रैगन अपनी कमजोरी छुपा रहा है। इस वक्त चीन की इकोनॉमी कहा जाने वाला शहर शंघाई में कोरोना ने बूरी तरह से अफरा-तफरी मचा दी है। यहां पर हालात बेकाबू हो गए हैं। जिसके चलते चीन ने सख्त लॉकडाउन लगा रखा था। ये लॉकडाउन इतना सख्त था कि लोग अपने घरों में कई दिनों से जेल की तरह कैद थे।

अपने ही राष्ट्रगान को सेंसर कर रहा चीन, लगा दिया प्रतिबंध

अपने ही राष्ट्रगान को सेंसर कर रहा चीन, लगा दिया प्रतिबंध

इसी को देखते हुए वहां लोग सरकार की ‘जीरो कोविड’ पॉलिसी का व्यापक स्तर पर विरोध कर रहे हैं। चीन में इंटरनेट सेंसर ने देश के राष्ट्रगान पर ही शिकंजा कस दिया है, जिसका इस्तेमाल शंघाई जैसे शहरों में कड़े लॉकडाउन के विरोध में निवासियों द्वारा किया जा रहा था। दरअसल, मामला यहां तक पहुंच गया कि, लोग भूख प्यास से दम तोड़ने लगे और अंत में जब मामला खबरों में पहुंचा और विश्व भर में चीन की निंदा हुई तब जाकर ड्रैगन ने कोरोना नियमों में ढील देनी शुरू की। वहीं, अब चीन सरकार ने अपने ही राष्ट्रगान को बैन कर दिया।

चीन के लोग चीनी राष्ट्रगान ‘मार्च ऑफ द वॉलंटियर्स’ की एक पंक्ति ‘उठो, जो लोग गुलाम नहीं बनना चाहते हैं’ का उपयोग रचनात्मक तरीकों से अपनी आवाज उठाने के लिए कर रहे हैं। पुलिस की नजरों से बचते हुए लोग शंघाई की दीवारों पर यह पंक्तियां लिख दे रहे हैं। कहीं-कहीं पोस्टर भी दिख रहे हैं। पंक्ति को हैशटैग बनाकर लोग चीनी सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। बढ़ते विरोध को देखते हुए सरकार ने इस पंक्ति पर बैन लगा दिया।

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बता दें,1978 से चीन अपने राष्ट्रगान के रूप में “मार्च ऑफ द वॉलंटियर्स” का इस्तेमाल कर रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ लोग अपनी आवाजों को उठाते हुए पंक्ति को हैशटैक बनाकर सोशल मीडिया पर तस्वीरें और वीडियो पोस्ट कर रहे हैं। इसके जरिए उन लोगों के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है जो या तो कोविड के कारण मर गए या फिर सख्त लॉउनडान में उचित देखभाल न हो पाने के चलते मर गए।

चीनी सोशल मीडिया प्लेटफार्म वीचैट और वीबो इस तरह की पोस्ट को हटा दिया है। दुनिया को केवल वह वीडियो देखने को मिल रहे हैं, जो ट्विटर और अन्य अंतरराष्ट्रीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया गया है। आपको बता दें, चीन अपनी “जीरो कोविड” पॉलिसी लगातार जारी रख रहा है। शंघाई में सख्त लॉकडाउन लागू किया गया और इसके विरोध में आवाज उठाने वालों को चेतावनी दी जा रही है। अपार्टमेंट में रहने वालों को चेतावनी जारी करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है और रोबोट कुत्ते शहर की सड़कों पर गश्त कर रहे हैं।

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