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Clean Villages: स्वच्छ गांवों का सपना रह गया अधूरा, कागजों तक ही सीमित है सफाई, राजस्थान में आरोप-प्रत्यारोप का दौर हुआ तेज

Last Updated:March 28, 2025, 18:30 IST

Clean Villages: राजस्थान सरकार की सफाई व्यवस्था योजना गांवों में असफल हो रही है. टेंडर प्रक्रिया के बावजूद सफाई कर्मचारी नहीं पहुंचे हैं. ग्रामीणों में नाराजगी बढ़ रही है. पंचायतों में सफाई केवल कागजों तक सीमित…और पढ़ेंX
दौसा
दौसा में ग्राम पंचायत में नहीं सफाई

हाइलाइट्स

राजस्थान में गांवों की सफाई व्यवस्था असफल हो रही है.सफाई कर्मचारी टेंडर के बावजूद गांवों में नहीं पहुंचे.ग्रामीणों में सफाई की कमी से नाराजगी बढ़ रही है.

दौसा. राजस्थान सरकार ने गांवों में सफाई व्यवस्था सुधारने के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन महीनों बाद भी यह व्यवस्था सही ढंग से लागू नहीं हो पाई है. कई गांवों में अब तक सफाई कर्मचारी पहुंचे ही नहीं हैं, जबकि कुछ जगहों पर एक-दो बार सफाई हुई और फिर हालात जस के तस हो गए. ग्रामीण इलाकों में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है, जिससे लोगों में नाराजगी बढ़ रही है.

केवल कागजों तक ही सीमित है पंचायतों में सफाईसिकराय उपखंड क्षेत्र की बात करें तो यहां अधिकांश ग्राम पंचायतों में सफाई केवल कागजों तक ही सीमित है. सफाई कार्यों के लिए जिन फर्मों को टेंडर दिए गए हैं, वे जिम्मेदारी निभाने में नाकाम साबित हो रही हैं. कई सरपंचों ने इन फर्मों को नोटिस जारी कर सफाई व्यवस्था में सुधार की मांग की है. कुछ सरपंचों ने तो सफाई कार्य न करने वाली फर्मों को ब्लैकलिस्ट करने की अपील भी की है.

पंचायत स्तर पर दिए गए हैं सफाई के लिए टेंडरइस संबंध में सिकराय पंचायत समिति के विकास अधिकारी राहुल मीना ने कहा कि पंचायत स्तर पर सफाई के लिए टेंडर दिए गए हैं और इसकी निगरानी के लिए पंचायत समिति सिकराय में एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. यदि किसी स्थान पर सफाई व्यवस्था में लापरवाही बरती जा रही है तो संबंधित फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

सरकार की मंशा अच्छी, पर अमल में कमी राज्य सरकार ने गांवों में सफाई व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए ठेकेदारों को जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन प्रभावी मॉनिटरिंग न होने के कारण यह योजना असफल होती नजर आ रही है. लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद गांवों में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है. ग्रामीण लगातार नियमित सफाई की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी शिकायतों पर ठोस कार्रवाई नहीं हो रही है. अब देखना यह होगा कि सरकार और प्रशासन इस समस्या का समाधान करने के लिए क्या कदम उठाते हैं या फिर स्वच्छ गांव का सपना सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह जाएगा.

ग्राम पंचायत को मिले सफाई की जिम्मेदारी कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष खेमराज मीणा ने इस पूरे मामले में भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत के कारण गांवों में सफाई कार्य ठप पड़े हैं. उनका कहना है कि सफाई के लिए जारी किया जा रहा बजट सीधे ग्राम पंचायत को दिया जाना चाहिए, ताकि पंचायत ही सफाई व्यवस्था को सही ढंग से संचालित कर सके. वर्तमान में सफाई करने के लिए जिन फर्मों को टेंडर दिया गया है, उनमें भी लापरवाही है क्योंकि एक भी ग्राम पंचायत में नियमित रूप से सफाई का कार्य नहीं किया जा रहा है. पंचायत समिति में कंट्रोल रूम स्थापित करने से कुछ नहीं होगा, धरातल पर तो कार्य हो नहीं रहा, कंट्रोल रूम में बैठने वाले अधिकारी कर्मचारी क्या कर रहे हैं?

Location :

Dausa,Dausa,Rajasthan

First Published :

March 28, 2025, 18:30 IST

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अधर में लटकी स्वच्छता परियोजनाएं, केवल कागजों तक ही सीमित है सफाई

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