पहले गुरु को देख भावुक हुए सीएम, पैर छुए:बोले-मुझे पांचवीं तक इन्होंने ही पढ़ाया; स्टेज पर अपनी कुर्सी पर बैठाया
निराला समाज टीम जयपुर।
शिक्षक सम्मान समारोह में अपने पहले गुरु को देख भावुक हुए सीएम
सीएम भजनलाल शर्मा गुरुवार को शिक्षक सम्मान समारोह में अपने पहले गुरु को देख भावुक हो गए। मंच से जब उनकी नजर अपने गुरु पर पड़ी तो वे नीचे उतरे। उनके पैर छुए और उनका हाथ पकड़कर उन्हें मंच पर लेकर आए।
जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था। कार्यक्रम में सीएम भजनलाल के पहले गुरु शंकर लाल शर्मा भी मौजूद थे। सीएम ने शॉल ओढ़ाकर अपने गुरु का सम्मान किया। इसके बाद मंच पर अपनी कुर्सी पर बैठाया।
सीएम ने कहा- मैं भरतपुर में रहता था तो मेरे गुरुजी (शंकर लाल शर्मा) मिल जाते थे। कल मेरे मन में विचार आया कि मेरे गुरुजी कैसे हैं। फिर मैंने भरतपुर फोन करके पूछा कि आप आने की स्थिति में हैं क्या? उन्होंने कहा कि हां, तो मैंने उन्हें जयपुर आने का आमंत्रण दिया।
सीएम भजनलाल ने कहा कि पहले जब पहली बार स्कूल जाते थे तो घरवाले गुड़ बांटते थे। मेरे एडमिशन की दादाजी ने काफी तैयारी की थी। जब मैं स्कूल गया तो पट्टी (स्लेट) को सजाया। मैं गुरु दक्षिणा लेकर स्कूल गया था। तब एडमिशन का बड़ा महत्व था। उस वक्त शंकर लाल जी मास्टर साहब विद्यालय में अकेले शिक्षक थे। मेरा प्रथम एडमिशन इन्होंने ही किया था। मुझे 5वीं तक इन्होंने ही पढ़ाया था।
समारोह में सीएम भजनलाल शर्मा ने अपने पहले गुरु शंकर लाल शर्मा के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भी शंकर लाल शर्मा के पैर छुए।
सीएम ने शेयर किए किस्से, कहा- गुरुजी कहते थे, बच्चे को स्कूल भेजो
सीएम ने अपने स्कूली दिनों के किस्से भी शेयर किए। उन्होंने कहा- गांव में खेती का काम होता था। घरवाले भी खेती पर पढ़ाई से ज्यादा फोकस करते थे। गुरुजी घर-घर जाकर घरवालों से कहते थे। खेती का काम बाद में हो जाएगा, लेकिन बच्चे को स्कूल जरूर भेजो। वैसे भी गुरु बिन जीवन सूना है।
उन्होंने कहा- कई बार ऐसा होता है कि मूर्ति बनाने वाले के मन में कई प्रकार के भाव उत्पन्न होते हैं। वह कई बार परिवार के भरण पोषण के लिए बनाता है। कोई मूर्ति इसलिए बनाता है कि अगर यह अच्छी बनी, तो बाजार में अच्छा भाव मिलेगा। कोई इसलिए भी मूर्ति बनाता है कि भगवान का रूप ले और आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा दे।
50 नए प्राथमिक स्कूल खोले जाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा- प्रदेश में 350 करोड़ की लागत से स्कूलों में आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। अगर कोई पंचायत कहेगी कि स्कूल को क्रमोन्नत करना है, कोई विषय शुरू करना है तो हम करेंगे। अगर वहां छात्रों की संख्या कम भी होगी तो भी विद्यार्थियों की रुचि का विषय हम उपलब्ध कराएंगे। इसके साथ ही 50 नए प्राथमिक स्कूल खोले जाएंगे। प्रदेश के 100 स्कूलों में नए विषय शुरू किए जाएंगे।
भजनलाल शर्मा ने कहा कि मोदी जी के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के नारे से लिंग अनुपात सुधरा है। बेटियां सशक्त हुई हैं। 2014 के बाद देश की तस्वीर बदली है। देश में आतंकवाद और नक्सलवाद का खात्मा हो, विकास की योजनाएं हों या दुनिया में बढ़ता भारत का मान, ये सब पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुआ है। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान प्रधानमंत्री ने शुरू किया। इसमें राजस्थान ने एक दिन में 1 करोड़ 46 लाख पौधे लगाए।
राजस्थान के शिक्षक जितने योग्य, उतना कोई नहीं
सीएम ने कहा- राजस्थान के शिक्षकों को एक विशिष्ट गौरव प्राप्त है। राजस्थान का शिक्षक जितना योग्य है, उतना किसी अन्य प्रदेश का नहीं है। वह जितना तप कर आता है, वह कहीं और का नहीं आता। प्रदेश के शिक्षक इतने योग्य हैं कि पूरी शिक्षा व्यवस्था को सुधार सकते हैं। इसलिए मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले दिनों में शिक्षा के क्षेत्र में राजस्थान काफी आगे जाने वाला है। क्योंकि जब गुरु मजबूत होता है तो चेला खुद मजबूत हो जाता है। इसमें कोई शंका नहीं है।
उन्होंने कहा कि आज भी कहीं भी कोई कार्य मास्टर साहब के बिना नहीं होता है। कोई कुछ भी करेगा तो मास्टर साहब को बताए और पूछे बिना नहीं करेगा। इसलिए सरकार की सभी योजनाओं का लाभ सभी पात्र व्यक्तियों को मिले, इसमें आप अपनी भूमिका निभाएं।
समारोह में प्रदेश भर के 146 शिक्षकों का सम्मान किया गया।
146 टीचर का सम्मान किया
राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में प्रदेशभर के 146 शिक्षकों का सम्मान किया गया। सीएम ने कक्षा 8, 10 और 12 में 75 प्रतिशत से ज्यादा नंबर लाने वाले 11 स्टूडेंट्स को टैबलेट देकर प्रदेशभर के 55,800 विद्यार्थियों को टैबलेट देने की योजना की शुरुआत की।