Rajasthan

योद्धा से कम नहीं था इस विदेशी दमकल का जलवा, 3000 आगजनी की घटनाओं पर पा चुका काबू-This foreign fire engine is no less than a warrior, this 1952 model fire engine has controlled 3000 fire incidents,

करौली. इंसानों की कहानी तो हम अक्सर सुनते हैं. लेकिन आज हम आपको एक योद्धा दमकल की कहानी सुनाने जा रहे है. 1952 मॉडल के इस दमकल का अपने जमाने में अपना एक अलग जलवा रहा है. जिसकी होड़ नए जमाने के आधुनिक दमकल भी नहीं कर पाते हैं. जर्मन कंपनी का यह दमकल अपने जमाने में 3000 से ज्यादा आगजनी के हादसों पर काबू पा चुका. यही वजह है कि 2010 में रिटायर्ड होने के बावजूद भी यह दमकल आज भी राजस्थान के एक नगर निगम में शान से खड़ा हुआ है.

अलवर – वासियों के दिलों में आज भी इस दमकल की यादें ताजा है. अलवर नगर निगम ने यह दमकल आज भी सहेज कर रखा है. स्थानीय लोगों की इससे आज भी भावनाएं जुड़ी हुई है. खासकर इस पर काम करने वाले और इसको जानने वाले लोग आज भी इस दमकल गाड़ी को बावन मॉडल के नाम से पुकारते हैं.

सन 1952 से लेकर लगातार 2010 तक यह दमकल लगभग 3000 आगजनी की घटनाओं में न जाने कितने लोगों और उनकी संपत्ति को खाक होने से बचा चुका है. आज मौजूदा हालात में जरूर यह दमकल बुजुर्ग अवस्था में है. लेकिन जवानी में इस दमकल का जलवा कुछ ऐसा रहा है जिसे लोग इसके रिटायरमेंट के बाद भी भूला नहीं पा रहें है. इसके साथ काम करने वालों की भावनाएं और गहरी यादें आज भी इस दमकल से जुड़ी हुई है.

बावन मॉडल के नाम से जानते है लोग :यह विदेशी दमकल ट्रक जर्मनी की शेवरले कंपनी का है. सबसे खास बात यह है कि इस ट्रक पर जिसने भी काम किया, उसने हमेशा इस पूरी तरह से सहेजता के साथ संभाल कर रखा है. इस बावन मॉडल की सबसे बड़ी खासियत तो यह है कि जिस कंपनी ने इसको बनाया है .वह आज भी इसे अलवर के नगर निगम से मांग रही है. जानकारी के अनुसार, जर्मन कंपनी शेवरले कई बार इस मॉडल के लिए बायबैक ऑफर दे चुकी है लेकिन इसके साथ काम करने वालों ने हमेशा कंपनी का आर्डर ठुकराया है.

क्योंकि शेवरले कंपनी के पास 1952 मॉडल का यह ट्रक आज तक उपलब्ध नहीं है. इस 1952 मॉडल को जर्मनी की यह कंपनी अपने यहां एंटीक व्हीकल के रूप में अपनी डिस्प्ले में रखने के साथ इस एंटीक आइटम के रूप में सजाना चाहती है.

2000 लीटर है पानी की कैपेसिटी :अलवर अग्निशमन केंद्र के जगदीप कुमार कश्यप के मुताबिक, 1952 मॉडल का शेवरले कम्पनी का यह दमकल आज भी खड़ा हुआ है. बावन मॉडल के इस विदेशी दमकल की लगभग 2000 लीटर की पानी की कैपेसिटी है. कश्यप बताते हैं कि अपने आप में यह दमकल निर्जीव जरूर है लेकिन इसने एक मशीन के रूप में फायर ब्रिगेड की काफी मदद अपने टाइम में की है.

रिटायर्ड फायर सेफ्टी ऑफिसर बी. आर. मीणा बताते हैं कि इस ट्रक ने 1952 से 2010 तक निरंतर अपनी सेवाएं अलवर में दी है. इसलिए खासतौर से इस दमकल को अब संरक्षित कर शहर के गौरव के रूप में संजोया जाना चाहिए.

Tags: Karauli news, Local18, Rajasthan news

FIRST PUBLISHED : July 21, 2024, 23:47 IST

Source link

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Uh oh. Looks like you're using an ad blocker.

We charge advertisers instead of our audience. Please whitelist our site to show your support for Nirala Samaj