Rajasthan

Coal Rake Is Getting Only 5 Instead Of 11.5, Energy Secretary Reminds – कोयला रैक 11.5 की जगह 5 ही मिल रही, ऊर्जा सचिव ने केन्द्रीय कोल सचिव को याद दिलाया अनुबंध

भवनेश गुप्ता
जयपुर। कोल इंडिया से राज्य के बिजलीघरों में अब भी पूरा कोयला नहीं मिल पा रहा है। ऊर्जा सचिव ने एक बार फिर सोमवार को केन्द्रीय कोल सचिव से बात की और अनुबंध के आधार पर अब हर दिन 11.5 कोयला रैक उपलब्ध कराने की जरूरत जता दी, जबकि अभी 5 ही रैक मिल रही है। इस स्थिति की जानकारी कोयला मंत्री तक भी पहुंचाई गई है। कारण, कोल इंडिया लगातार रैक बढ़ाने का आश्वासन देता रहा लेकिन उसके अनुपात में प्रदेश में कोयला नहीं पहुंचाया जा रहा। एक रैक में 4 हजार टन कोयला आता है।
इस बीच दफ्तर खुलते एक बार फिर बिजली मांग और उपलब्धता में अंतर गहरा गया। सोमवार को बिजली की अधिकतम अनुमानित मांग 12600 मेगावाट की अपेक्षा उपलब्धता केवल 9317 मेेगावाट ही रही। इस तरह करीब 3283 मेगावाट का अंतर रहा। इस कारण एक्सचेंज से 16 रुपए प्रति यूनिट तक बिजली खरीदनी पड़ी है। हालांकि, इसके बाद भी बिजली कटौती जारी है। ऐसे हालात के बीच ऊर्जा महकमे और डिस्कॉम्स प्रशासन ने सरकार से सभी विभागों में भी बिजली बचत का अधिकारिक आदेश जारी करने की जरूरत जताई है। इसमें मुख्य रूप से फिलहाल एसी नहीं चलाने के लिए कहा गया है। डिस्कॉम्स पहले ही अपने कार्यालयों में एसी चलाने पर पाबंदी लगा चुका है।

एक ही दिन 1029 मेगावाट बढ़ी अधिकतम मांग
प्रदेश में एक ही दिन में 1029 मेगावाट अधिकतम मांग बढ़ गई। जहां रविवार को अधिकतम मांग 11571 मेगावाट थी, जो सोमवार को बढ़कर 12600 मेगावाट हो गई। बिजली की कुल मांग 2563 लाख यूनिट रही, जबकि रविवार को 2493 लाख यूनिट थी।

संकट के बीच पिछले 11 दिन में 418 लाख यूनिट बढ़ी डिमांड
कोयले की कमी के बीच प्रदेश में बिजली की बढ़ती डिमाण्ड ने चिंता बढ़ाई है। पिछले ग्यारह दिनों में करीब 418 लाख यूनिट (प्रतिदिन) डिमाण्ड बढ़ी है। राज्य विद्युत उत्पादन निगम के मुताबिक 1 अक्टूबर को 2145 लाख यूनिट मांग रही, जो 11 अक्टूबर को बढ़कर 2563 लाख यूनिट हो गई।जबकि, उपलब्धता का आंकड़ा 2235 लाख यूनिट के आसपास रहा। ऐसे में मांग-आपूर्ति के बीच प्रबंधन के लिए प्रदेशभर में बिजली कटौती की जाती रही।

यहां से भी बिजली उत्पादन बंद
कोयला संकट के कारण अडानी पावर की 600 मेगावाट की एक यूनिट से भी उत्पादन बंद है। इसी तरह छबड़ा की चार यूनिट से भी बिजली उत्पादन नहीं हो रहा। यहां कुल छह यूनिट है। विशेषज्ञों के मुताबिक बिजली की मांग और उत्पादन के बीच गहराते अंतर को कम करने के लिए इन यूनिट से भी बिजली उत्पादन शुरू करने की जरूरत है।





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