राजस्थान के इस जिले में इन दवाइयों की बिक्री पर रोक, कलेक्टर ने लिया एक्शन, जानें डिटेल
हनुमानगढ़. राजस्थान के हनुमानगढ़ में नशीले साल्ट की दवाइयों की खुली बिक्री पर रोक लगा दी गई है. कलेक्टर कानाराम ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं. प्रीगाबालीन, टेपेंटाडोल, जोपीक्लोन साल्ट आधारित दवाओं की खुली बिक्री पर रोक लगा दी है. दरअसल इन दवाओं को टेबलेट या इंजेक्शन के रूप में बेचा जा रहा था और इनका इस्तेमाल नशे में हो रहा था. जिले में इन दवाओं के तेजी से बढ़े उपयोग और शिकायतों को देखते हुए जिला प्रशासन ने आदेश जारी कर दिया है.
स्थानीय लोगों ने बताया कि जिले में सिग्नेचर, जॉडियर, हरा तोता, संतरी, हरे कैप्सूल और नीला फोर्ड जैसे नामों से नशे का कारोबार धड़ल्ले से हो रहा है. यहां युवा वर्ग आसानी से नशीली दवाएं खरीदकर उनका इस्तेमाल कर रहे थे. कई बार इन दवाओं को लेकर शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी. अब कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए जिले में इनकी खुली बिक्री पर रोक लगा दी है. इस आदेश में कहा गया है कि थोक व खुदरा दवा विक्रेता, अन्य अनाधिकृत व्यक्ति या फर्म प्रीगाबालीन की 75 मिलीग्राम से अधिक मात्रा का क्रय-विक्रय नहीं कर सकेंगे. प्रीगाबालीन, टेपेंटाडोल, जोपीक्लोन घटक युक्त दवाइयों का बिना क्रय-विक्रय बिल के बेचान नहीं करेंगे.
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नशे पर कड़ी कार्रवाई की मांग, समाज में तेजी से बढ़ रहा है काला कारोबार स्थानीय लोगों ने कहा है कि नशे की लत में युवा वर्ग दिनोंदिन घिरते जा रहा है और इसके बुरे प्रभाव भी आए दिन देखने को मिल रहे हैं. कभी युवा तो कभी प्रौढ़ नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं. एक पूरी पीढ़ी नशे की चपेट में है. सरकार और पुलिस मिलकर नशे के विरुद्ध अभियान चलाएं तो कुछ रोकथाम हो सकती है. पुलिस का कहना है कि नशे से जुड़े सभी बदमाशों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है और किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा. वहीं दवा की आड़ में चल रहे काले कारोबार को भी खत्म कर रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 17, 2024, 23:54 IST