Colorful Culture of Rajasthan at Pushkar Mela 2025.

Last Updated:October 24, 2025, 11:41 IST
अजमेर. राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित पवित्र नगर पुष्कर हर साल अपने भव्य मेले (Pushkar Mela) के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. यह मेला न केवल एक धार्मिक समागम है, बल्कि राजस्थान की जीवंत संस्कृति, रंगीन परंपरा और लोक कला का भी एक अद्भुत और मनोरम प्रदर्शन करता है. इस बार पुष्कर मेला 22 अक्टूबर से 7 नवंबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है. यह 17 दिनों का आयोजन देश-विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर खींचने के लिए पूरी तरह तैयार है.
अगर आप राजस्थान की संस्कृति को जानना चाहते हैं, तो पुष्कर मेला ज़रूर देखें. इसे दुनिया का सबसे बड़ा ऊंट मेला भी कहा जाता है. यहाँ ऊँटों का व्यापार होता है और ऊँटों को बेहतरीन तरीके से सजाया जाता है. इस मेले को देखने के लिए विदेशों से सैलानी आते हैं.

अगर आपको राजस्थान के बड़ी-बड़ी मूंछों वाले लोग देखने हैं, तो पुष्कर मेला आपके लिए ज़रूरी है, क्योंकि इस मेले में बड़ी-बड़ी मूंछ वाले लोग आते हैं. यहाँ मूंछ प्रतियोगिताओं को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं.

पुष्कर मेला अपने धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ-साथ मनोरंजक प्रतियोगिताओं के लिए भी प्रसिद्ध है. इन्हीं में से एक लोकप्रिय आकर्षण है “मटका रेस प्रतियोगिता”, जो हर साल बड़ी धूमधाम से आयोजित की जाती है. यह प्रतियोगिता विशेष रूप से महिलाओं के बीच बेहद लोकप्रिय है और इसका मुख्य उद्देश्य राजस्थान की पारंपरिक संस्कृति को दर्शाना तथा देश-विदेश के पर्यटकों को भारतीय ग्रामीण परंपराओं से जोड़ना है.

अगर आप नृत्य देखने के शौकीन हैं, तो अजमेर जिले में लगने वाला पुष्कर मेला आपके लिए बहुत अच्छी जगह है. यहाँ मेले में कालबेलिया नृत्य देखने लायक होता है. यह राजस्थान के सबसे कामुक नृत्य रूपों में से एक है, जिसे जीवंत कालबेलिया जनजाति द्वारा किया जाता है.

पुष्कर मेले में सैंड आर्ट फेस्टिवल का भी आयोजन किया जाता है, जो कि पुष्कर मेले का आकर्षण का केंद्र रहता है. इस फेस्टिवल में सैंड आर्टिस्ट अजय रावत द्वारा मिट्टी से कलाकृतियाँ बनाई जाती हैं, जो कि राजस्थान की संस्कृति को दर्शाती हैं. यह कलाकृतियाँ विदेशी पर्यटकों को बेहद पसंद आती हैं.

पुष्कर मेले में साफा बांधो प्रतियोगिता होती है, जिसमें विदेशी और भारतीय प्रतिभागी हिस्सा लेते हैं. यह राजस्थान की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. प्रतियोगिता में प्रतिभागी निर्धारित समय में साफा बांधकर अपने कौशल का प्रदर्शन करते हैं, और सबसे तेज या सबसे अच्छी तरह से बांधने वाले को पुरस्कृत किया जाता है.

पुष्कर मेला केवल राजस्थान ही नहीं, बल्कि पूरे भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है. यह मेला दर्शाता है कि परंपरा और आधुनिकता का संगम कितनी खूबसूरती से एक साथ चल सकता है. अगर आप भी राजस्थान की संस्कृति को करीब से देखना चाहते हैं, तो पुष्कर मेला मिस ना करें. यह मेला शुरू हो चुका है जो कि 22 अक्टूबर से 7 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है.
First Published :
October 24, 2025, 11:41 IST
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राजस्थान की जीवंत संस्कृति का अद्भुत अनुभव, पुष्कर मेले की अनदेखी झलकियाँ, दे



