State Human Right Commission Sumon To Jaipur Collector – मानवाधिकार आयोग खफा, अब कलक्टर-निगम आयुक्त नहीं आए तो हाईकोर्ट में होगी पीआइएल

तीन साल बाद भी जवाब नहीं मिलने पर आयोग ने दी चेतावनी

जयपुर। जयपुर स्थित विद्याधर नगर में पांच जनों के जिंदा जलने के तीन साल पुराने मामले में प्रशासन का जवाब नहीं आने पर राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग ने तीखे तेवर दिखाए हैं। आयोग ने चेतावनी दी है कि पांच जुलाई को जवाब देने के लिए जयपुर कलक्टर व जयपुर नगर निगम आयुक्त हाजिर हों, नहीं तो जनहित याचिका के लिए मामला हाईकोर्ट भेज दिया जाएगा।
आयोग अध्यक्ष न्यायाधीश गोपाल कृष्ण व्यास ने 2018 में विद्याधर नगर अग्निकांड को लेकर स्वप्रेरणा से दर्ज मामले पर यह आदेश दिया है। आयोग के सामने आए तथ्यों के अनुसार अग्निशमन की लापरवाही और गलती के कारण दादा, पोता व दो पोतियों सहित लोग जयपुर स्थित विद्याधर नगर में जिंदा जल गए थे। आयोग ने मामले को गंभीरता से लेकर प्रशासन से पूछा था कि इस मामले में पीड़त परिवार को कितना मुआवजा दिलाया जाए। आयोग को इस मामले में कलक्टर व नगर निगम आयुक्त दोनों से कोई जवाब नहीं मिला। इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से फोन बंद होने का तकनीकी कारण बताया गया।
आयोग ने इस हृदयविदारक घटना पर प्रशासन का जवाब नहीं आने को लेकर टिप्पणी की है कि नागरिकों की सुरक्षा राज्य का कत्र्तव्य है, लेकिन इस मामले में कलक्टर व निगम आयुक्त ने लापरवाही पूर्वक तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश की। आयोग ने उसके सवालों का जवाब नहीं मिलने पर नाराजगी जाहिर की। साथ ही मामले की सुनवाई 5 जुलाई तक टालकर दोनों अधिकारियों को बुलाया है। इन अधिकारियों के नहीं आने पर मामला हाईकोर्ट में जनहित याचिका दर्ज करने के लिए भेजे जाने की चेतावनी दी है।