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Cow Husbandry Tips: लंपी फिर लौटी तो पशुपालक भी देसी अंदाज में तैयार, नीम-गौमूत्र-सरसों तेल से कर रहे वार!

Last Updated:October 15, 2025, 20:03 IST

Cow Husbandry Tips: राजस्थान के कई जिलों की तरह भीलवाड़ा में भी लंपी स्किन डिज़ीज फिर से चिंता बढ़ा रही है. पशुपालन विभाग जागरूकता अभियान चला रहा है, वहीं ग्रामीण देसी नुस्खों से अपने पशुओं को मच्छरों और कीटों से बचाने में जुटे हैं. नीम, गौमूत्र और सरसों तेल जैसे उपाय फिर से कारगर साबित हो रहे हैं.भीलवाड़ा

भीलवाड़ा – राजस्थान के कई जिलों की तरह भीलवाड़ा में भी लंपी स्किन डिज़ीज (LSD) एक बार फिर से सिर उठाने लगी है. पशुपालन विभाग लगातार गांव-गांव जाकर पशुपालकों को इस बीमारी के लक्षण और बचाव के उपाय बताने में जुटा है. वहीं पशुपालकों के लिए कुछ ऐसे आसान देसी नुस्खे और घरेलू उपाय हैं, जिनसे वे अपने पशुओं को कीट, मकोड़ों और मच्छरों के हमले से बचा सकते हैं.

भीलवाड़ा

एक बाल्टी पानी में आधा लीटर गौमूत्र और थोड़ा-सा फिटकरी मिलाकर पशुओं के बाड़े में छिड़क दें. यह मिश्रण न केवल बदबू खत्म करता है बल्कि कीटाणु और मच्छरों को भी दूर रखता है. ग्रामीण इलाकों में यह तरीका लंबे समय से अपनाया जा रहा है और यह काफी कारगर भी साबित हुआ है.

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सरसों के तेल में थोड़ा कपूर मिलाकर पशुओं के शरीर पर हल्का मालिश करने से मक्खियां और मच्छर पास नहीं आते. यह नुस्खा खासकर गायों और भैंसों के लिए बहुत उपयोगी है. साथ ही इससे पशुओं की त्वचा भी मुलायम और स्वस्थ बनी रहती है.

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इसके अलावा बाड़े की नियमित सफाई और सूखा वातावरण भी जरूरी है. पशुओं का गोबर, बचे हुए चारे और गंदा पानी अगर लंबे समय तक जमा रहे तो वही मच्छरों और कीटों के पनपने की जगह बन जाती है. इसलिए रोजाना बाड़े की सफाई करें और वहां सूखा व हवादार माहौल बनाए रखें.

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पशुपालन विभाग के अनुसार, लंपी जैसी बीमारियां उन्हीं इलाकों में तेजी से फैलती हैं जहां मच्छरों और कीटों की संख्या अधिक होती है. ऐसे में पशुपालकों को अपने पशुओं को साफ-सुथरा रखने के साथ-साथ समय-समय पर वैक्सीन और दवा का छिड़काव भी करवाना चाहिए.

First Published :

October 15, 2025, 20:03 IST

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लंपी का खतरा… देसी जुगाड़ का असर! नीम-गौमूत्र से बच रहे पशु…

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