बाल्टी भरकर दूध देगी गाय-भैंस, पशुपालकों के लिए मिनी ATM है ये घास, कम लागत में बंपर होगी कमाई

बाड़मेर. खेती-किसानी के बाद पशुपालन किसानों की पहली पसंद बनता जा रहा है. कमाई के लिहाज से भी पशुपालन करना किसानों और पशुपालकों के लिए फायदे का सौदा होता है, ऐसे में किसान अपने पशुपालकों के लिए थाईलैंड की प्रसिद्ध नेपियर घास को उगा रहे है जिससे न केवल पशुओं में दूध उत्पादन में बढ़ोतरी करती है बल्कि उनके स्वास्थ्य में भी लाभदायक होती है. यह पशुपालको के लिए एक मिनी एटीएम की तरह कार्य करती है.
हाथी घास गन्ने की तरह दिखने वाली एक प्रकार की घास है.इसे नेपियर घास के नाम से भी जाना जाता है. इसकी लंबाई करीब 4 मीटर तक होती है. इस घास को किसान पूरे सालभर उगा सकते हैं. एक बार इसकी खेती करने के बाद इससे करीब 5-7 साल तक उत्पादन लिया जा सकता है. इस घास में कई प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जोकि पशुओ में कैल्सियम, पोटैशियम, रैशे, प्रोटीन की पूर्ति करते है. सरहदी बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी, रामसर, सेड़वा,धनाऊ, धोरीमन्ना, जानपालिया में किसान बहुतायत में इसकी खेती की जाती है. जिससे यहां के पशुपालको को काफी फायदा होता है.
जाने कब कर सकते है नेपियर घास की खेतीनेपियर घास ज्यादा पौष्टिक और उत्पादक होती है. इस घास के सेवन से पशुओं में दूध उत्पादन बढ़ने के साथ ही पशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होती है. कृषि वैज्ञानिक ड़ॉ रावताराम भाखर ने लोकल18 से खास बातचीत करते हुए कहा कि हाथी घास की खेती किसान किसी भी मौसम में कर सकते हैं. हाथी घास को बोने के लिए इसके डंठल को काम में लिया जाता है, जिसे नेपियर स्टिक कहा जाता है. स्टिक को खेत में डेढ़ से दो फिट की दूरी पर रोपा जाता है.
5 साल तक होती है बंपर पैदावारएक बार बुवाई करने के बाद यह लगातार चार से पांच सालों तक काटी जाने वाली घास है. हर दो से तीन महीने में घास की ऊंचाई 15 फीट हो जाती है. नेपियर घास को बार-बार निराई, गुड़ाई या रासायनिक खाद और कीटनाशकों की भी जरूरत नहीं होती है. यह बेहद कम खर्च में तैयार होने वाली घास है.
Tags: Barmer news, Local18, Rajasthan news
FIRST PUBLISHED : August 1, 2024, 08:40 IST