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दीपावली पर मिलावटखोरों पर शिकंजा: अलवर के मशहूर कलाकंद समेत मावे-मिठाइयों के सैंपल जांचे, ऐसे जानिए नकली और असली मिठाई की पहचान

Last Updated:October 14, 2025, 20:16 IST

दीपावली से पहले खाद्य एवं स्वास्थ्य विभाग ने जिले भर में मिठाइयों और मावे के सैंपल लेना शुरू कर दिया है. विभाग की टीम लगातार जांच अभियान चला रही है ताकि बाजार में बिकने वाले मिलावटी उत्पादों पर रोक लगाई जा सके. इसी क्रम में देशभर में मशहूर अलवर का कलाकंद भी जांच के दायरे में आया है.

अलवर. दीपावली से पहले खाद्य एवं स्वास्थ्य विभाग ने जिले भर में मिठाइयों और मावे के सैंपल लेना शुरू कर दिया है. विभाग की टीम लगातार जांच अभियान चला रही है ताकि बाजार में बिकने वाले मिलावटी उत्पादों पर रोक लगाई जा सके. इसी क्रम में देशभर में मशहूर अलवर का कलाकंद भी जांच के दायरे में आया है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने के लिए मिठाइयों के सैंपल एकत्र कर प्रयोगशाला में भेजे जा रहे हैं. वहीं, अब लोगों को जांच कर ही असली कलाकंद की जांच कर खरीदें. खैरथल तिजारा और अलवर में सबसे ज्यादा कलाकंद तैयार किया जाता है. जो राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखंड और पंजाब सहित अन्य राज्यों में अलवर का फैमस कलाकंद पहुंचाया जा रहा है.

ईमानदार व्यापारी भी नाराज
अलवर और खैरथल के मिठाई उद्योग से जुड़े ईमानदार व्यापारी कहते हैं  “हम साफ-सुथरे वातावरण में शुद्ध मिठाई बनाते हैं. लेकिन कुछ लालची लोग नकली मावा और मिलावटी दूध से मिठाई तैयार करके पूरे जिले को बदनाम कर रहे हैं. सरकार और यूनियन दोनों को मिलकर ऐसे लोगों का बहिष्कार करना चाहिए.” व्यापारिक यूनियनों से भी यह मांग की जा रही है कि ऐसे कारोबारियों का सामाजिक और व्यावसायिक बहिष्कार किया जाए तथा मिलावट करने वालों को किसी भी यूनियन से सदस्यता से बाहर किया जाए.

नकली मावा की पहचानअगर आप बाजार से अलवर का कलाकंद या कोई मिठाई खरीद रहे हैं, तो उसे हाथ में लेकर जांचें. असली मावा या उससे बनी मिठाई हाथ में चिकनी और थोड़ी गीली महसूस होगी, जबकि नकली मावा खुरदुरा और सूखा दिखाई देता है. असली मावा की खुशबू हल्की और प्राकृतिक होती है, जबकि नकली मावा में रिफाइंड या कृत्रिम खुशबू आती है. जब मावे को गर्म पानी में डाला जाता है, तो असली मावा घुल जाता है, जबकि नकली मावा तैरता रहता है.

ऐसे करें नकली दूध की पहचानअगर दूध उबालने पर बहुत अधिक झाग बने और वह जल्दी बैठ जाए, तो उसमें मिलावट की संभावना हो सकती है. यदि दूध उबालने के बाद ठंडा करने पर उसकी सतह पर मलाई (परत) न बने, तो वह संदिग्ध माना जा सकता है. दूध में मिलावट की जांच के लिए टेस्ट स्ट्रिप (मिलावट जांच किट) का उपयोग करें, जिसे खाद्य सुरक्षा विभाग से प्राप्त किया जा सकता है.

खाद्य सुरक्षा अधिकारी हेमंत कुमार का कहना है कि दिवाली त्यौहार के मद्देनज़र खाद्य सुरक्षा आयुक्तालय जयपुर द्वारा मिलावटी खाद्य पदार्थों के विरुद्ध विशेष अभियान की शुरुआत की गई है. राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहा अभियान शुद्ध आहार – मिलावट पर प्रहार कार्यक्रम के तहत अभियान चलाया गया है. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग की आयुक्त डॉ. टी. शुभमंगला एवं जिला कलेक्टर किशोर कुमार के निर्देशन में यह अभियान 5 अक्टूबर से 19 अक्टूबर 2025 तक चलाया जायेगा.

Monali Paul

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें

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Location :

Alwar,Rajasthan

First Published :

October 14, 2025, 20:16 IST

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दिवाली पर अलवर कलाकंद की जांच, मिलावट रोकने को सैंपलिंग शुरू

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