बिहार में पहली बार! बिना चीरा 5 साल की बच्ची को लगाया पेसमेकर, इस हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने किया कमाल

सच्चिदानंद/पटना: मेडिकल साइंस को जब आस्था का साथ मिल जाए तो असंभव भी संभव बन जाता है. इस काम को पिछले कई सालों से महावीर मंदिर करता आ रहा है. पटना स्थित महावीर मंदिर द्वारा कई हॉस्पिटल का संचालन किया जाता है. ऐसी ही एक अस्पताल महावीर हार्ट हॉस्पीटल है जहां के डॉक्टरों ने कमाल कर दिया है. यहां के डॉक्टरों ने एक दुर्लभ ऑपरेशन को सफल बनाया है. डॉक्टरों ने 5 साल की बच्ची के हार्ट में बिना चीरा लगाए पेसमेकर लगाया है. इसके साथ ही उसके दिल में मौजूद छेद को भी बंद किया गया. इस पर महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने डॉक्टरों को बधाई दी है.
बिहार का पहला मामलामहावीर वात्सल्य अस्पताल भवन की छठी मंजिल पर स्थित महावीर हार्ट हॉस्पिटल में बाल हृदय रोग डाॅ. मेजर प्रभात कुमार की टीम ने यह उपलब्धि हासिल की है. डाॅ प्रभात ने बताया कि सामान्य तौर पर इतने छोटे बच्चे को पेसमेकर लगाने के लिए ओपन हार्ट सर्जरी करनी होती है. लेकिन बक्सर की रहने वाली वर्षा कुमारी की 5 वर्षीया पुत्री को महावीर हार्ट हॉस्पिटल में बगैर चीरा लगाए पेसमेकर लगाया गया है. नस के द्वारा उसे पेसमेकर लगाया गया. इस प्रक्रिया को मेडिकल टर्म में ट्रांसवेनस कहा जाता है.
डाॅ. मेजर प्रभात कुमार ने दावा किया है कि ट्रांसवेनस विधि से इतने छोटे बच्चे को पेसमेकर लगाने का बिहार का यह पहला मामला है. इस जटिल प्रक्रिया में डाॅ. प्रभात कुमार के साथ डाॅ. आशीष गोलवारा, डाॅ आदित्य, टेक्नीशियन चंदन समेत अन्य मेडिकल स्टाफ शामिल रहें. डाॅ. मेजर प्रभात कुमार ने बताया कि सामान्यतः वयस्क मरीजों को इस प्रक्रिया से पेसमेकर लगाया जाता है.यह रही प्रक्रियामहावीर हार्ट हॉस्पिटल में भर्ती होने के समय बच्ची का धड़कन धीमा चल रहा था. उसके चेहरे और मुंह पर सूजन थी. बच्ची के ईसीजी जांच में कंप्लीट हार्ट ब्लाॅक और हृदय में छेद पाया गया. इमरजेंसी हालात में उसे पेसमेकर लगाया गया और फिर दूरबीन विधि द्वारा उसके हृदय यानी दिल के छेद को बंद किया गया. पीडीए डिवाइस क्लोजर तकनीक से बच्ची के हृदय के छेद को बन्द किया गया. डाॅ. मेजर प्रभात कुमार ने बताया कि बच्ची अब स्वस्थ है.
FIRST PUBLISHED : July 15, 2024, 18:09 IST