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Astra MK-2 Air to Air Missile | Indian Airforce order 700 Astra MK-2- चीन-PAK की उड़ेगी नींद, IAF ने क्यों किया 700 ‘घातक’ मिसाइलों का ऑर्डर, क्या है DRDO का सीक्रेट प्लान?

Agency:एजेंसियां

Last Updated:October 20, 2025, 03:31 IST

Astra MK-2 Air to Air Missile: DRDO अस्त्र मार्क-2 मिसाइल की रेंज 200 किमी से ज्यादा करने जा रहा है. IAF ने 700 मिसाइलों का ऑर्डर तैयार किया है. चीन-पाकिस्तान के PL-15 को देगा सीधा जवाब.IAF ने क्यों किया 700 'घातक' मिसाइलों का ऑर्डर, क्या है DRDO का सीक्रेट प्लान?DRDO अस्त्र Mk-2 मिसाइल की रेंज 200 किमी से अधिक होगी. (AI फोटो)

Astra MK-2 Air to Air Missile: भारत की वायु शक्ति में जल्द ही ऐसा अपग्रेड आने वाला है जिससे चीन और पाकिस्तान दोनों की नींद उड़ जाएगी. देश की स्वदेशी रक्षा एजेंसी डीआरडीओ (DRDO) अब अपनी घातक हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल अस्त्र मार्क-2 (Astra Mk-2) को और अधिक शक्तिशाली बनाने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक इस मिसाइल की रेंज 200 किलोमीटर से भी ज्यादा की जा रही है जो पहले के 160 KM रेंज से काफी आगे है.

इस अपग्रेड के बाद भारतीय वायुसेना (IAF) ने करीब 700 मिसाइलों का शुरुआती ऑर्डर देने की योजना बनाई है. इन मिसाइलों को सुखोई-30MKI और तेजस जैसे फ्रंटलाइन फाइटर जेट्स में लगाया जाएगा. यह कदम न केवल वायुसेना की ताकत को कई गुना बढ़ाएगा, बल्कि भारत को दुनिया की उन कुछ गिनती की सेनाओं में शामिल करेगा जो 200 किमी से अधिक दूरी तक BVR (Beyond Visual Range) मिसाइल चला सकती हैं.

200+ किमी रेंज वाली ‘अस्त्र मार्क-2’: भारत की नई आसमानी ढालअस्त्र मार्क-2 मिसाइल भारत की वायु रणनीति में स्टैंडऑफ स्ट्राइक कैपेबिलिटी का नया अध्याय जोड़ने वाली है. इसका मतलब है कि अब भारतीय पायलट दुश्मन के एयर डिफेंस जोन में प्रवेश किए बिना ही 200 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर मौजूद शत्रु विमान को मार गिरा सकेंगे.

यह अपग्रेड चीन की PL-15 मिसाइल के सीधे जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. जहां पाकिस्तान को मिली PL-15E मिसाइल की अधिकतम मारक क्षमता लगभग 145 किलोमीटर बताई जाती है, वहीं भारत की नई अस्त्र Mk-2 उससे कहीं आगे निकल जाएगी.

दोहरी ताकत वाला ‘डुअल पल्स रॉकेट मोटर’
अस्त्र Mk-2 में लगाई जा रही डुअल पल्स सॉलिड रॉकेट मोटर तकनीक इसे किसी भी आधुनिक मिसाइल से टक्कर देने लायक बनाती है. पहला पल्स मिसाइल को अत्यधिक रफ्तार देता है, जबकि दूसरा पल्स लॉन्च के अंतिम चरण में दुश्मन के विमान को सटीक निशाने पर लेने के लिए ऊर्जा का नया विस्फोट करता है. यह तकनीक पहले अमेरिका की AMRAAM मिसाइल में भी इस्तेमाल की जा चुकी है. रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि डीआरडीओ इस तकनीक में ईंधन फॉर्मूलेशन सुधार और इंजन डिजाइन में सूक्ष्म परिवर्तन के जरिये 200+ किमी रेंज हासिल कर सकता है.

आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बड़ा कदमअस्त्र कार्यक्रम ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन की सबसे अहम उपलब्धियों में से एक है. पहले से सेवा में मौजूद अस्त्र Mk-1 (100 किमी रेंज) ने ऑपरेशन सिंदूर 2025 के दौरान जबरदस्त सफलता हासिल की थी. नई मिसाइल में पूरी तरह स्वदेशी सीकर, फाइबर-ऑप्टिक जाइरोस्कोप और ईसीएम रेसिस्टेंस सिस्टम लगाए जा रहे हैं, जो इसे इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में भी अभेद्य बनाते हैं. यह भारत को विदेशी हथियारों पर निर्भरता से मुक्त करने की दिशा में निर्णायक कदम है.

Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, …और पढ़ें

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master’s degree in Journalism. Before working in Hindi, … और पढ़ें

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October 20, 2025, 03:31 IST

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IAF ने क्यों किया 700 ‘घातक’ मिसाइलों का ऑर्डर, क्या है DRDO का सीक्रेट प्लान?

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