Rajasthan

सरिस्का टाइगर रिजर्व में निवास करते हैं ढाई सौ तरह के पक्षी, जानिए कहां से आते हैं कितने दिन का रहते

पीयूष पाठक/अलवर. सरिस्का टाइगर रिजर्व में देशी पर्यटक ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटक भी अच्छी संख्या में पहुंच रहे हैं अब यहां आने वाले पर्यटकों को बाघ, पैंथर, भालू ही नहीं बल्कि कई प्रजातियां वाले पक्षी भी देखने को मिलेंगे. सरिस्का टाइगर में दूर दराज के क्षेत्र से प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो गया है.

यह पक्षी करीब 50 दिनों तक सरिस्का क्षेत्र में रहेंगे. यह पक्षी कई हजारों किलोमीटर की दूरी तय कर सरिस्का में डेरा जमाने के लिए आते हैं. इनमें कई प्रजाति ऐसी है जो कहीं और नहीं पाई जाती. यह प्रजाति सिर्फ सरिस्का टाइगर रिजर्व में ही पाई जाती है.

सरिस्का टाइगर रिजर्व के डीएफओ देवेंद्र प्रताप यादव ने बताया कि अब सरिस्का में प्रवासी पक्षियों का आना शुरू हो गया है. बहुत से पक्षी ऐसे हैं जो हर साल सरिस्का में ही डेरा जमाने के लिए कई हजार किलोमीटर की दूरी तय कर यहां पहुंचते हैं. सरिस्का टाइगर रिजर्व में वैसे तो कई बड़े वाटर बॉडी नहीं है. इसके अलावा मंगलसर बांध में भी नियमित रूप से हर साल प्रवासी पक्षी जाकर डेरा जमाते हैं. क्योंकि यह समय प्रवासी पक्षियों के आने का है, तो करीब 50 दिनों तक यहां आने वाले पर्यटकों को बाघ, पैंथर के साथ देसी व विदेशी पर्यटकों की चहचहाट भी सुनने को मिलेगी.

कई ऐसे पक्षी जो करते है सांपो व बंदर के छोटे बच्चों का शिकार
सरिस्का टाइगर रिजर्व में कुछ ऐसे दुर्लभ पक्षी में पाए जाते हैं जो कहीं और सामान्य तौर पर नहीं पाए जाते हैं. जो सरिस्का में मिलते हैं. यह जंगली मुर्गी प्रजाति का है यह अलवर के बफर क्षेत्र बाला किला रेंज में अधिकतर दिखाई देते हैं. सरिस्का टाइगर रिजर्व में क्रिस्ट्ड ईगल विलुप्त प्रजाति का पक्षी है. इसकी संख्या 20 है यह पक्षी सांप व बंदर के छोटे बच्चों का शिकार भी करते हैं. हालांकि जलवायु परिवर्तन के चलते जिले के बांधों में पानी की कमी के चलते सरिस्का आने वाले पक्षी अब कम हो रहे हैं. यह अब अपना विकल्प अन्य जगहों पर जाकर ढूंढ रहे हैं.

यह पक्षी आ रहे हैं सरिस्का
सरिस्का टाइगर रिजर्व में इन दिनों बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आ रहे हैं. सिलीकेट झील में सरिस्का के जलायशों के आसपास इन दोनों बार पेंटेड स्टार्क, बार हेडेड बुल्स, पर्फल हेरोन, स्पून विल, स्पॉट बिल जैसे पक्षी डेरा जमा रहे हैं. यह है प्रवासी पक्षी यूरोप, साइबेरिया, रूस, जापान अन्य देशों से आते हैं. यह प्रवासी पक्षी यहां प्रजनन के साथ ही विदेशों में कड़ाके की सर्दी, बर्फबारी से बचने एवं भोजन की कमी के चलते हर साल सरिस्का टाइगर रिजर्व आते हैं. सर्द मौसम खत्म होने के बाद यह अपने-अपने इलाके में वापस पहुंच जाते हैं.

Tags: Alwar News, Local18, Rajasthan news

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