‘दिहाड़ी मजदूर’ने 9 साल में बनाई 5 फिल्में, पांचों निकलीं ब्लॉकबस्टर, हर मूवी समा गई दिल में – Zanjeer Muqaddar Ka Sikandar Laawaris 5 Blockbuster movies made by Prakash mehra who was Daily wager with Amitabh bachcha rekha Pran amusing story

Last Updated:October 28, 2025, 17:16 IST
Prakash Mehra Blockbuster Movies : ये दास्ता है बॉलीवुड के एक ऐसे सितारे की जो कभी ‘दिहाड़ी मजदूर’ था. जिसने बॉलीवुड का चेहरा हमेशा के लिए बदलकर रख दिया. यह कहानी उस सितारे की जिसने बॉलीवुड सिनेमा के मायने बदल दिए. आम लोगों के बीच का सिनेमा बनाया. ऐसी फिल्में बनाई जिनमें हीरो को देखकर लोगों को सच में हीरो का अहसास हुआ. कभी 1 रुपये की दिहाड़ी मजदूरी करने वाले इस फिल्मकार ने 5 ऐसी ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाईं, जिन्हें आज भी लोग बार-बार यूट्यूब पर देखते हैं. इन फिल्मों के डायलॉग के मीम्स सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर छाए रहते हैं. 
बॉलीवुड के सफल फिल्ममेकर में शुमार रहे प्रकाश मेहरा ने अपने निजी जीवन में बहुत संघर्ष किया. बचपन में मां गुजर गई, पिता वैरागी हो गए. मौसी के घर पर दिल्ली में कुछ समय गुजारा. मन में कुछ करने की ठानकर मुंबई आ गए. मुंबई में मामा के घर पर रहे लेकिन जैसे ही उन्हें पता चला कि घर से भागकर आए हैं तो घर से निकाल दिया. प्रकाश मेहरा धुन के पक्के थे. घर नहीं लौटे. बचपन से फिल्मों के शौकीन थे. संघर्ष करते-करते फिल्म लाइन में आए. अमिताभ बच्चन जब 11 फ्लॉप फिल्में दे चुके थे, तब प्रकाश मेहरा का उन्हें साथ मिला.

प्रकाश मेहरा वो शख्स हैं जिन्होंने अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड सुपरस्टार बनाया. प्रकाश मेहरा ने अमिताभ बच्चन के साथ 1973 में जंजीर फिल्म बनाई. जंजीर फिल्म से ‘अमिताभ बच्चन की छवि एंग्री यंग मैन की बन गई. फिर उन्होंने ‘मुकद्दर का सिकंदर 1978), लावारिस (1981), नमक हलाल (1982), और शराबी (1984) जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में बनाईं. उन्होंने फिल्में डायरेक्ट और प्रोड्यूस कीं.

प्रकाश मेहरा का जन्म 13 जुलाई 1939 को यूपी के बिजनौर में हुआ था. फिल्म मेकर ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘मेरा जन्म यूपी के बिजनौर जिले में हुआ था. बचपन अकेलेपन में गुजरा. मां बचपन में गुजर गई थी. पिता को वैराग्य हो गया था. वो हरिद्वार चला जाया करते थे. उन्होंने गृहस्थ जीवन से संन्यास ले लिया था. बिजनौर से मेरी मौसी मुझे दिल्ली ले गई. दिल्ली में उनका केमिकल का बहुत बड़ा कारोबार था. आज भी है. मेरी मौसी का बड़ा बेटा आज भी मुंबई में है. वो मुझे अपने कारोबार में शामिल करना चाहते थे. मैंने सिर्फ 10वीं पास हूं. 13 रुपये लेकर मुंबई आया था. मेरी मौसा मुझे 1 रुपये दिया करते थे. 13 रुपये जोड़कर मुंबई आया था और मुंबई में पहला काम 1 रुपये दिहाड़ी पर किया था. बचपन से ही कुछ कर दिखाने का जज्बा था. यही सब फैसला कर मैं दिल्ली से मुंबई आया.’

‘मुकद्दर का सिकंदर’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म बनाने वाले प्रकाश मेहरा ने अपने इंटरव्यू में अपनी लाइफ स्टोरी के बारे में बताते हुए कहा था, ‘मिस्टर विपिन मौर्या यूपी के थे. फिल्म डिवीजन में वो प्रोडक्शन मैनेजर थे. मुझे फिल्मों का मतबल सिर्फ फिल्म डिवीजन ही समझ आता था. सेंसर बोर्ड से पहले फिल्म की शुरुआत में फिल्म डिवीजन ऑफ इंडिया लिखा होता था. मुझे लगता था कि इस बिल्डिंग में ही फिल्में बनती हैं. मुझे लगा कि सही आदमी मिला है. मैंने उन्हें अपनी पूरी कहानी सुनाई. वो बोले कि तुम यूपी के हो. मेरे प्रदेश के हो. उन्होंने मुझे एक रुपये रोजाना दिहाड़ी पर रख लिया. कैमरों को उठाना, कैमरा फोकसिंग का काम था. कभी भीड़ में बैठना, कभी किसी कैरेक्टर में बैठना. काम से खुश हुए तो 3 रुपये रोजाना तन्ख्वाह कर दी. मैंने उन्हें अपना मकसद बताया तो वो बोले कि मैं तुम्हें हीरो नहीं बना पाऊंगा. मैंने कहा कि मुझे हीरो बनना भी नहीं है.’

शराबी फिल्म से अमिताभ बच्चन के करियर को ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले प्रकाश मेहरा ने आगे बताया, ‘उन दिनों फोटोकॉपी की मशीन नहीं होती थी. तो उन्होंने स्क्रिप्ट की चार कॉपियां बनाने को कहा. मैंने कहा कि मुझे यह काम नहीं चाहिए. फिर विपिन मौर्या ने मुझे रवि देसाई के समधी धीरू भाई देसाई से मिलवाया. उनकी एक फिल्म बन रही थी. फिर से मेरा स्ट्रगल शुरू हुआ. वहां पर एमडी शर्मा नाम के चीफ असिस्टेंट डायरेक्टर मिले. वहां से बॉम्बे एयरपोर्ट गया. 5 रुपये की मजदूरी की. यहां भी काम नहीं मिला. उन्होंने रवि देसाई के यहां भेज दिया. वो एक फिल्म ‘नागदेवता’ कर रहे थे.

प्रकाश मेहरा ने अमिताभ बच्चन का साथ मिलने से पहले चार हिट फिल्में बना चुके थे. उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में कहा था, ‘मैं वही प्रकाश मेहरा हूं, अमिताभ बच्चन जब नहीं आए थे तो मैं चार जुबली फिल्म दे चुका था. मेरी पहली फिल्म थी ‘हसीना मान जाएगी,’ दूसरी थी ‘मेला’, समाधि और ‘हाथ की सफाई’. फिर हमने अपनी प्रोडक्शन कंपनी खोली और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा.’

प्रकाश मेहरा के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने बॉलीवुड इंडस्ट्री को अमिताभ बच्चन के रूप में ‘एंगी यंग मैन’ दिया. जंजीर फिल्म 1973 में आई थी. इस फिल्म के बारे में कई कहानियां-किस्से इंटरनेट पर देखने-सुनने को मिलते हैं. सच्चाई क्या है? इसे जानना जरूरी है. प्रकाश मेहरा ने अपने एक इंटरव्यू में जंजीर फिल्म के बनाए जाने का पूरा किस्सा सुनाया था.

‘नमक हलाल’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्म बनाने वाले प्रकाश मेहरा ने अपने इंटरव्यू में बताया था, ‘जंजीर फिल्म धर्मेंद्र के लिए बनाई जा रही थी. फिर वो स्क्रिप्ट देवानंद के पास पहुंची. फिर राजकुमार के पास पहुंची लेकिन सबने इनकार कर दिया. सलीम-जावेद के कहने पर प्रकाश मेहरा ने अमिताभ बच्चन को फिल्म जंजीर में लिया. जंजीर फिल्म ने इतिहास रच दिया. प्रकाश मेहरा ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था, ‘फिल्म समाधि और जंजीर की स्क्रिप्ट एक्सचेंज हुई थी. धर्मेंद्र ने समाधि की स्किप्ट के बदले जंजीर की कहानी देने को कहा था. इंस्पेक्टर और पठान वाली फिल्म जंजीर में काम करने का वादा धर्मेंद्र ने किया था.’

बकौल प्रकाश मेहरा, ‘धर्मेंद्र ने फीस लेने से इनकार कर दिया था. इसके बदले प्रॉफिट आधा-आधा तय हुआ था. उसी दौरान धर्मेंद्र के भाई ‘प्रतिज्ञा’ बना रहे थे. धर्मेंद्र ने छह माह का समय मांगा लेकिन ऐसा ना हो सका. देवानंद से झगड़ा हो गया था राजकुमार जी ने मद्रास में शूटिंग करने के लिए शर्त रखी थी. एक्टर प्राण के बेटे ने बॉम्बे टू गोवा देखने के की सलाह दी. उसमें अमिताभ बच्चन की शत्रुघ्न सिन्हा से फाइट का एक सीन था. उन्हें फिल्म में हमने लिया. मुमताज ने फिल्म नहीं की. जया भादुड़ी को अमिताभ के कहने पर लिया. इस तरह से जंजीर फिल्म बनी.’
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October 28, 2025, 16:45 IST
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‘दिहाड़ी मजदूर’ ने बनाई 5 ब्लॉकबस्टर फिल्में, हर मूवी ने तोड़ा रिकॉर्ड



