इस गांव में पहली बार घोड़ी चढ़ा दलित दूल्हा, तोड़ डाली सैकड़ों साल की पाबंदी
Alwar News. अलवर से सटे खैरथल तिजारा जिले के कोटकासिम इलाके के एक दलित दूल्हे ने वर्षों से चली आ रही परंपरा को तोड़ दिया. लाहडोद गांव में किसी भी दलित दूल्हे को घोड़ी पर नहीं चढ़ने दिया जाता है. लेकिन आशीष ने इस परंपरा को तोड़कर घोड़ी पर बैठाकर गांव से बारात ले जाकर दुल्हन को लेने पहुंचा. यही नहीं, बारात पूरे गाजे बाजे और डीजे के साथ धूमधाम से निकाली गई.
लाहडोद में आज तक कोई दलित दूल्हा घोड़ी नहीं चढ़ा है, लेकिन गांव के एक युवक ने इस परंपरा को तोड़ने की जिद पकड़ ली और परिवार के साथ कोटकासिम थाने में विशेष समुदाय के खिलाफ शिकायत दी. बदलते जमाने में आज भी गांव में भेदभाव किया जा रहा है. भेदभाव को लेकर अलवर पुलिस प्रशासन ने भी युवक का साथ दिया और दो थानों के SHO के साथ भारी पुलिस जाप्ता लाहडोद गांव पहुंचा और पुलिस की मौजूदगी में घोड़ी पर बारात निकाली गई.
पुलिस की मौजूदगी में घोड़ी चढ़ा युवकदूल्हे आशीष के परिवार को खतरा था कि अगर उन्होंने घोड़ी पर बैठकर बारात निकाली तो विशेष समुदाय के लोग झगड़ा करेंगे. वहीं कोटकासिम थानाधिकारी नंदलाल जांगिड़ की मानें तो उन्हे लिखित में शिकायत मिली थी कि विशेष समुदाय के लोग निकासी को लेकर झगड़ा कर सकते हैं जिसकी सूचना पर पुलिस पहुंची और शांतिपूर्ण तरीके से घोड़ी पर दूल्हे की बारात निकाली गई. हालांकि, मौके पर भिवाड़ी सीआईडी इंचार्ज और किशनगढ़बास थाने के थानाधिकारी भी मौजूद रहे.
FIRST PUBLISHED : November 22, 2024, 15:47 IST