The centuries old age of books is slowly ending in the new era | नए युग में धीरे-धीरे खत्म हो रहा है किताबों का सदियों पुराना दौर

जयपुरPublished: Aug 17, 2023 03:47:08 pm
पहले डाकिया के हाथों से भेजी गई चिट्टियां और बदले में जवाब के इंतजार में लोग कई-कई दिन और महीने खुशी से काट लिया करते थे।
नए युग में धीरे-धीरे खत्म हो रहा है किताबों का सदियों पुराना दौर
पहले डाकिया के हाथों से भेजी गई चिट्टियां और बदले में जवाब के इंतजार में लोग कई-कई दिन और महीने खुशी से काट लिया करते थे। इस इंतजार में भी एक सुकून था। आज के दौर में उंगलियों से चंद सैकंडों में मैसेज टाइप करके एक क्लिक पर भेज दिया जाता है, जो उसे अगले ही सैकण्ड मिल भी जाता है।यह आधुनिक दुनिया की सुविधा का एकमात्र उदाहरण है। ऐसे कई उदाहरण हैं, जिनकी बात की जाए तो किताब के पन्नेखत्म हो जाएंगे, लेकिन उदाहरण नहीं। चिट्टियों के समान आज के समय में हमारी सबसे अच्छी दोस्त किताबें भी किसी संदूक में पड़े-पड़े धूल खाने को बेबस हो गई हैं। वहीं, एक क्लिक पर समस्या के समाधान खोजने की परंपरा दौड़ पड़ी है। अब कहां लोग सवालों का पुलिंदा लेकर किताबों के पास आते हैं।