स्वाद में कड़वा मगर डायबिटीज और लीवर के लिए रामबाण है पहाड़ी नीम.. अधिक मात्रा में प्रयोग हो सकता है घातक

सोनिया मिश्रा/ चमोली : उत्तराखंड के पहाड़ों में कई बेशकीमती औषधियां और जड़ी बूटियां पाई जाती हैं, जो सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. उन्हीं में से एक है पहाड़ी नीम, स्वाद में कड़वा मगर सेहत के लिए पहाड़ी नीम किसी वरदान से कम नहीं है. और यही कारण है कि आयुर्वेदिक ही नहीं बल्कि साइंस में भी इसमें मौजूद गुणों का जिक्र मिलता है. यहां तक मेडिकल साइंस में भी कई तरह की बीमारियों का उपचार करने में नीम से बनी दवाइयों का उपयोग किया जाता है, लेकिन इसके सेवन करने में भी हमें विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए.
रुद्रप्रयाग जिले के आयुर्वेदिक अस्पताल में तैनात फार्मेसिस्ट एसएस राणा बताते हैं कि एक समय में बहुत सारी नीम की पत्तियों का सेवन नहीं करना चाहिए. क्योंकि कई लोगों का मानना है कि जितनी ज्यादा मात्रा मे इसकी पत्तियों का सेवन किया जाए तो उतना अधिक मात्रा में पोषण मिलेगा, जो ठीक नहीं है. वह आगे कहते हैं कि अगर आपको किसी भी प्रकार की बीमारी हैं तो बिना डॉक्टर की सलाह के इसका प्रयोग न करें. आप इसका पेस्ट बनाकर या इसके रस का प्रयोग कर सकते हैं. साथ ही अगर चाहे तो इसकी पत्तियों को तवे पर सेक कर/ भूनकर हाथों के सहारे मसलकर लहसुन और सरसों के तेल के साथ प्रयोग में ला सकते हैं.
डायबिटीज के लिए रामबाण
एसएस राणा बताते हैं कि नीम में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो स्ट्रेस को कम करने में मददगार है. नीम के प्रयोग से लीवर और किडनी के स्वास्थ्य में भी सुधार होता है और लिवर डैमेज होने का खतरा भी कम हो सकता है. इसके अलावा अगर आपका अक्सर ब्लड शुगर बढ़ा रहता है तो नीम की पत्तियों का प्रयोग कर सकते हैं. यह कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में भी मददगार है. जो इन्सुलिन का उत्पादन करती है.
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FIRST PUBLISHED : April 11, 2024, 15:45 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.