Dausa Farmer Girraj Moringa Farming Success Story

Last Updated:October 31, 2025, 08:11 IST
Dausa News: दौसा जिले के किसान गिर्राज प्रसाद ने सहजन (मोरिंगा) की खेती कर मिसाल पेश की है. उन्होंने कम जमीन और सीमित पौधों से भी अच्छा मुनाफा कमाया. सहजन की फली और पत्तियां न केवल पौष्टिक हैं बल्कि पशुपालन और स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो रही हैं.

Dausa News: दौसा जिले के किसान अब पारंपरिक खेती से हटकर नई दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं. सिकराय क्षेत्र के किसान गिर्राज प्रसाद ने सहजन (मोरिंगा) की खेती शुरू कर यह साबित कर दिया है कि अगर किसान नवाचार के साथ काम करें तो सीमित जमीन से भी बेहतर आय प्राप्त की जा सकती है. उनका यह कदम स्थानीय किसानों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है.
गिर्राज ने शुरुआत में करीब 250 पौधे लगाए, जिनमें से शुरुआती चरण में लगभग 200 पौधे खराब हो गए. बावजूद इसके, बचे हुए 50 पौधों से उन्हें उत्कृष्ट उत्पादन मिला. सहजन के हर हिस्से का उपयोग होता है, फली, पत्ते और डंठल सभी औषधीय और पोषक तत्वों से भरपूर हैं. यह फसल कम रखरखाव में अधिक लाभ देने की क्षमता रखती है.
पशुपालन में बढ़ी आमदनीगिर्राज बताते हैं कि सहजन की पत्तियों में कैल्शियम की मात्रा बहुत अधिक होती है. पशुओं को इसके पत्ते खिलाने से दूध उत्पादन में वृद्धि होती है और उनकी सेहत में सुधार आता है. पहले किसान बाजार से महंगे कैल्शियम टॉनिक खरीदते थे, लेकिन अब सहजन इस खर्च को कम कर रहा है, जिससे पशुपालन में होने वाले मुनाफे में सीधे तौर पर वृद्धि हुई है.
मनुष्यों के लिए औषधीय वरदानमनुष्यों के लिए भी सहजन किसी औषधि से कम नहीं. गिर्राज रोज सुबह दही में सहजन की पत्तियां मिलाकर खाते हैं और बताते हैं कि इससे डायबिटीज, थकान और जोड़ों के दर्द जैसी बीमारियों से राहत मिलती है. वे कहते हैं “सहजन मेरे लिए चाय से भी बढ़कर है, यह शरीर को ताकत देता है.” सहजन की पत्तियां विटामिन और मिनरल्स का पावरहाउस हैं.
अच्छे बाजार भाव और आयसहजन की फली स्थानीय बाजार में ₹150 रुपये किलो तक बिक रही है, जबकि बड़े शहरों में इसका भाव ₹250 से ₹300 रुपये तक पहुंच जाता है. गिर्राज ने बताया कि उन्होंने हाल ही में अपनी फसल को बेचकर अच्छी कमाई की. सहजन की पत्तियों को सुखाकर पाउडर के रूप में भी बेचा जा सकता है, जिसकी बाजार में बड़ी मांग है और इससे आय में और भी वृद्धि होती है.
किसानों के लिए प्रेरणागिर्राज का कहना है कि सहजन की खेती जहां सेहत के लिए वरदान है, वहीं किसानों के लिए नई आमदनी का जरिया भी बन सकती है. थोड़ी समझदारी और मेहनत से यह फसल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा दे सकती है. उन्होंने अन्य किसानों को भी पारंपरिक फसलों के साथ-साथ सहजन जैसी नकदी फसलों को अपनाने की सलाह दी है.
Location :
Dausa,Dausa,Rajasthan
First Published :
October 31, 2025, 08:11 IST
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Dausa Farmer Story: एक किसान की नई सोच ने बदल दी किस्मत, ये हरी फसल कैसे बन गई



