De De Pyaar De 2 Review: पहली फिल्म का जादू गायब! सीक्वल में अजय-रकुल नहीं, आर माधवन ने बचाई लाज

Last Updated:November 14, 2025, 12:24 IST
De De Pyaar De 2 Review: ‘दे दे प्यार दे 2’ अजय देवगन की साल 2019 में आई फिल्म का सीक्वल है. फिल्म में अच्छा खासी स्टारकास्ट है, लेकिन ये फिल्म पिछली वाली के मुकाबले खरी नहीं उतरी. ये एक ‘टॉलरेबल’ फैमिली एंटरटेनर है, जो सिर्फ माधवन और जावेद की वजह से देखी जा सकती है.
फिल्म ओरिजिनल के जादू को दोहराने में नाकाम रही.दे दे प्यार दे 2 2.514 नवंबर|हिंदी2 घंटे 26 मिनट|कॉमेडी
Starring: अजय देवगन, आर. माधवन, रकुल प्रीत सिंह, जावेद जाफरी, मीजान, गौतमी कपूर, इशिता दत्ताDirector: अंशुल शर्माMusic:
नई दिल्ली. छह साल पहले रिलीज हुई ‘दे दे प्यार दे’ ने अजय देवगन और रकुल प्रीत सिंह की उम्र के फासले वाली लव स्टोरी से दर्शकों को गुदगुदाया था. अब 14 नवंबर को रिलीज हुई सीक्वल दे दे प्यार दे 2 में वही जोड़ी लौटी है, लेकिन इस बार चुनौती बड़ी है. रकुल यानी आयशा को अपने माता-पिता को यह समझाना है कि 51 साल का आशीष (अजय) उनके लिए परफेक्ट है. लेकिन अफसोस, फिल्म ओरिजिनल के जादू को दोहराने में नाकाम रही.
फिल्म की शुरुआत होती है जावेद जाफरी के कॉमेडी फ्लैशबैक से होती है और यकीन मानिए, उनके हर सीन में बाकी कलाकार फीके पड़ गए. कहानी लंदन से चंडीगढ़ पहुंचती है, जहां आयशा अपनी भाभी की डिलीवरी के बहाने घर लौटती है ताकि शादी की खुशखबरी के बीच माता-पिता को झटका कम लगे. लेकिन स्क्रिप्ट इतनी कमजोर है कि न उम्र का मुद्दा गहराई से उठता है, न परिवार का ड्रामा दिल को छूता है.
अजय देवगन ने कोशिश तो की, लेकिन उनका किरदार दोहराव भरा लगता है. रकुल प्रीत सिंह खूबसूरत हैं लेकिन उनकी परफॉर्मेंस में नयापन नहीं. असली सरप्राइज है आर. माधवन … चाहे वो आयशा के पिता हों या ससुर, उनके हर डायलॉग और एक्सप्रेशन ने हंसी और तालियां बटोरीं. जावेद जाफरी तो फिल्म के ‘सेवियर’ बने, हर बार स्क्रीन पर आते ही माहौल बदल देते हैं.
फिल्म में सहायक कलाकार गौतमी, इशिता और सुहासिनी मुले फिल्म में गहराई लेकर आती हैं. उनका अभिनय इस शानदार फिल्म को बेहद खूबसूरती से पूरा करता है. निर्देशक अंशुल शर्मा ने ‘दे दे प्यार दे 2’ में प्यार, ह्यूमर और सहज कहानी कहने की कला को बखूबी पिरोया है.
दमदार कास्ट को एक साथ बुनते हुए और उन्होंने हर कलाकार को अपनी छाप छोड़ने का भरपूर मौका दिया है. वह फिल्म के इमोशनल बीट्स और कॉमिक टाइमिंग को जिस नजाकत से संतुलित करते हैं, वह काबिल-ए-तारीफ है. सिर्फ फ्रेंचाइजी के नाम पर पैसा कमाने के लिए बने कई सीक्वेल के उलट, ‘दे दे प्यार दे 2’ फिल्म के पहले हिस्से की बिल्कुल स्वाभाविक, ऑर्गेनिक अगली कड़ी लगती है.
जब आपको लगता है कि फिल्म में अब सब देख लिया, तभी आखिरी 20–30 मिनट आपको एक इतना संतोषजनक, भावनात्मक और दिल छू लेने वाला क्लाइमैक्स देते हैं कि हाल के समय में इसकी मिसाल बेहद कम ही मिलेगी. यह भावनाओं का एक ऐसा रोलरकोस्टर है, जो आपको एक बड़ी मुस्कान के साथ सिनेमाहॉल से बाहर निकलने पर मजबूर कर देगा.
कुल मिलाकर, दे दे प्यार दे 2 एक ‘टॉलरेबल’ फैमिली एंटरटेनर है, जो सिर्फ माधवन और जावेद की वजह से देखी जा सकती है.
Shikha Pandey
शिखा पाण्डेय Digital के साथ दिसंबर 2019 से जुड़ी हैं. पत्रकारिता के क्षेत्र में उन्हें 12 साल से ज्यादा का अनुभव है. Digital से पहले वह Zee News Digital, Samachar Plus, Virat Vaibhav जैसे प्रतिष्ठ…और पढ़ें
शिखा पाण्डेय Digital के साथ दिसंबर 2019 से जुड़ी हैं. पत्रकारिता के क्षेत्र में उन्हें 12 साल से ज्यादा का अनुभव है. Digital से पहले वह Zee News Digital, Samachar Plus, Virat Vaibhav जैसे प्रतिष्ठ… और पढ़ें
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Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh
First Published :
November 14, 2025, 12:24 IST
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