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Death Penalty in Bangladesh: क्यों बांग्लादेश में मौत की सजा पाए लोगों की लंबी कतार, कैसे देते हैं वहां ये सजा

Last Updated:November 18, 2025, 15:28 IST

Death Penalty in Bangladesh: बांग्लादेश में इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत कई को मौत की सजा दी है. बांग्लादेश में कानूनी प्रक्रिया लंबी होने से 2000 से ज्यादा लोग फांसी की कतार में हैं.

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क्यों बांग्लादेश में मृत्युदंड पाए लोगों की लंबी कतार, कैसे देते हैं ये सजाबांग्लादेशी कानून में लगभग 33 अपराधों के लिए मौत की सजा का प्रावधान है.

Death Penalty in Bangladesh: बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल (ICT) ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मौत की सजा सुनायी है. शेख हसीना वर्तमान में भारत में रह रही हैं और उनकी बांग्लादेश वापस जाने की संभावना बहुत कम है. इस कारण उन्हें फांसी दिए जाने की आशंका भी नगण्य है. यह पहली बार नहीं है जब आईसीटी ने किसी को मौत की सजा सुनायी है. इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल इससे पहले भी कई लोगों को फांसी देने का आदेश दे चुका है और उनमें से ज्यादातर लोगों को फांसी दी भी जा चुकी है. जबकि काफी लोग मौत की सजा पाने की कतार में हैं.

बांग्लादेश में मृत्युदंड (Capital Punishment) पूरी तरह से कानूनी है और यह उन देशों में से है जहां इसे आज भी सख्ती से लागू किया जाता है. यहां मौत की सजा पाए दोषियों की एक लंबी कतार है, जिसके पीछे मुख्य कारण यहां के कानूनी प्रावधान और अपराधों की एक विस्तृत सूची है जिन पर यह सजा लागू होती है. हाल के सालों में मृत्युदंड पाए लोगों की संख्या बढ़कर 2,000 से अधिक हो गई है. 

लंबी कतार के कारणबांग्लादेशी कानून में लगभग 33 अपराधों के लिए मौत की सजा का प्रावधान है. इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं: हत्या, राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ना, आतंकवाद संबंधी अपराध, अपहरण, एसिड हमले से होने वाली मौत, बलात्कार (2020 में जोड़ा गया), 1971 के मुक्ति युद्ध से जुड़े युद्ध अपराध. निचली अदालत द्वारा मौत की सजा सुनाए जाने के बाद, कानूनी प्रक्रिया काफी लंबी होती है, जिसमें निम्न चरण शामिल हैं. सजा की अनिवार्य पुष्टि हाई कोर्ट डिवीजन में की जाती है. दोषी को सुप्रीम कोर्ट तक अपील करने और पुनर्विचार याचिका (Review Petition) दायर करने का अधिकार होता है. सभी कानूनी रास्ते समाप्त होने के बाद दोषी राष्ट्रपति के पास दया याचिका (Mercy Petition) दायर कर सकता है. इस लंबी प्रक्रिया के कारण दोषियों को ‘कंडम्ड सेल’ (फांसी कोठरी) में सालों तक रहना पड़ता है, जिससे कतार लंबी होती जाती है. 

मौत की सजा की उच्च दरएक रिपोर्ट के अनुसार 2018 से 2022 के बीच बांग्लादेश में 912 दोषियों को मौत की सजा सुनायी गयी थी. हालांकि, इसी अवधि में 13 फांसियां दी गयीं. बांग्लादेश की अदालतें हर साल बड़ी संख्या में मौत की सजाएं सुनाती हैं. अकेले 2023 में 248 से ज्यादा लोगों को सजा सुनायी गयी. बड़ी संख्या में सजा सुनाए जाने और फांसी दिए जाने की धीमी दर के कारण भी ‘डेथ रो’ पर कैदियों की संख्या अधिक बनी रहती है.

लंबे समय से लंबित मामले हाई कोर्ट और अपीलीय खंड सहित जहां मृत्युदंड की अपीलों की सुनवाई होती है पर मुकदमों का भारी बोझ है. 2021 में मृत्युदंड से संबंधित 1,300 से ज्यादा अपीलें वर्षों से लंबित थीं. इस लंबित मामले के पीछे जनसंख्या और मुकदमों की संख्या के अनुपात में न्यायाधीशों की भारी कमी वजह है. जिसके परिणामस्वरूप सुनवाई में देरी होती है और फैसले में देरी होती है. कानूनी प्रणाली मुख्यतः औपनिवेशिक युग के कानूनों और पुरानी प्रक्रियाओं पर आधारित है, जो बार-बार अनावश्यक, स्थगन और देरी की अनुमति देती हैं. अधिकतर कई न्यायालय अभी भी मैनुअल रिकॉर्ड-कीपिंग पर निर्भर हैं. विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में संसाधनों और माडर्न टेक्नॉलाजी का सामान्य अभाव है. 

फांसी है मौत की सजा देने का तरीकाबांग्लादेश में मौत की सजा देने का एकमात्र कानूनी तरीका फांसी (Hanging) है. क्रिमिनल प्रोसीजर कोड 1898 के अनुसार मौत की सजा पाए व्यक्ति को “गर्दन के सहारे तब तक लटकाया जाता है, जब तक उसकी मृत्यु सुनिश्चित न हो जाए. बांग्लादेशी कानून में गोली मारकर, बिजली के झटके (Electric Chair) या लेथल इंजेक्शन (Lethal Injection) से मौत की सजा देने का प्रावधान नहीं है. सभी अपीलें और दया याचिका खारिज होने के बाद जेल कोड के अनुसार एक तय तारीख की सुबह फांसी दी जाती है. ढाका सेंट्रल जेल और चट्टग्राम (चटगांव) जेल जैसी प्रमुख जेलों में विशेष फांसी घर (Gallows) मौजूद हैं, जहां इस सजा को अंजाम दिया जाता है.

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New Delhi,Delhi

First Published :

November 18, 2025, 15:27 IST

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