Deepotsav 2024 twenty one type of designer diyas Demand increased in Pali market range starts from Rs 50

पाली. दीपावली का पर्व नजदीक आने के साथ बाजारों में मिट्टी के दीपक बिकने शुरू हो गए हैं. पाली की बात करें तो 21 तरह के अलग-अलग दीपक इन दिनों खूब डिमांड में है. इसमें छोटे-बडे दीपकों से लेकर डिजाइनर दीपक लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. दीपावली पर दीपकों का अपना एक अलग ही महत्व रहता है. कुम्हार समाज के परिवारों की इसके पीछे मेहनत छिपी होती है. मिट्टी के दीपक से अपनेपन का एहसास होने के साथ स्वदेशी होने का भी गर्व महसूस होता है. वहीं इस बार पाली में गुजरात की मिट्टी से लेकर कोलकाता से भी दीपक आया हुआ है. ये दीये 21 अलग-अलग डिजाइनों में उपलब्ध है.
डिजाइनर दीयों की बढ़ी है डिमांड
दीपावली के अवसर पर हर कोई यही चाहता है कि अपने घर में अलग-अलग आकर्षक डिजाइन के दीये जलाएं. ऐसे में पाली जिले में डिजाइनर दीयों की बंपर डिमांड हो रही है. देश के अलग-अलग राज्यों में बिकने वाले दीय भी इस पाली के मार्केट की शोभा बढ़ा रही है. दूसरे राज्यों से आए दीये बेहद आकर्षक है और लोग जकर इसकी खरीदारी भी कर रहे हैं. खासकर कछुआ के आकार के दीये की भारी डिमांड है. पाली के बाजार में 50 रूपए से लेकर 200 रूपए तक के दीये बिक रहे हैं. इन दीयों को खरीदने में लोग भी उत्सुकता दिखा रहे हैं.
दीपावली में दीये का है विशेष महत्व
राजस्थान सहित देशभर में लोगों ने घर के लिए सजावटी सामान खरीदना शुरू कर दिया है. दीपों के उत्सव में दीये की भारी डिमांड रहती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि दिवाली में दीये क्यों जलाते हैं? दीये अच्छाई के साथ पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. दीये को जलाने का मतलब है कि अंधकार को दूर करना और प्रकाश की ओर जाना होता है.
मिट्टी के दीये जलाने की लोगों ने की अपील
लोगों ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया कि चाइना को तो प्रमोट करना ही नहीं चाहिए. अपने देश की मिट्टी में जो ताकत है वह किसी में नहीं है. देश की मिट्टी अपनत्व का एहसास करवाती है और एक जुड़ाव सा इस मिट्टी से रहता है. इसलिए, सभी से भी यही अपील है कि मिट्टी से बने दीपकों से ही अपने घर को रोशन करें ताकि मिट्टी से दीपक बनाने वाले लोगों का भी घर रोशन हो सके.
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FIRST PUBLISHED : October 27, 2024, 17:07 IST