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रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे भारत-पाकिस्तान बॉर्डर, तनोट माता के किए दर्शन, देखा 60 साल पुराने जंग के निशान!

Last Updated:October 24, 2025, 22:03 IST

राजनाथ सिंह ने तनोट राय माता मंदिर में पूजा की, 1965 युद्ध के बम देखे, BSF और सेना के साहस की सराहना की, देश की सुरक्षा में उनके योगदान को अतुलनीय बताया.

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रक्षामंत्री राजनाथ पहुंचे तनोट माता के दरबार, देखा 60 साल पुराने जंग के निशान!

जयपुर. रेगिस्तान की तपती रेत के बीच बसे विश्वविख्यात तनोट राय माता मंदिर में शुक्रवार को एक बार फिर श्रद्धा और देशभक्ति का संगम देखने को मिला. केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह अपने दो दिवसीय जैसलमेर प्रवास के दौरान मंदिर पहुंचे और माता के दरबार में विधिवत पूजा-अर्चना की. उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी और बैटल एक्स कमांडर मेजर जनरल आशीष खुराना भी उपस्थित रहे.

मंदिर परिसर में पहुंचने पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) के उप महानिरीक्षक जतिंदर सिंह बिन्जी, समादेष्टा नीरज शर्मा और सहायक समादेष्टा विकास नारायण सिंह ने रक्षामंत्री का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया.तनोट माता के दर पर की पूजा, देखा युद्ध का इतिहास
राजनाथ सिंह ने सबसे पहले तनोट माता के मंदिर में पूजा-अर्चना कर देश की शांति और समृद्धि की कामना की. इसके बाद उन्होंने मंदिर परिसर में स्थित महादेव मंदिर में जलाभिषेक किया और मंशा माता मंदिर के समीप खेजड़ी वृक्ष पर मनोकामना पूरी होने की प्रतीक स्वरूप रुमाल भी बांधा. उन्होंने 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान पाकिस्तान की ओर से मंदिर परिसर पर गिराए गए वे बम भी देखे, जिनमें से एक भी नहीं फटा था. इन बमों को आज भी मंदिर में सुरक्षित रखा गया है, जो तनोट माता के चमत्कार और देश की रक्षा में सेना के अदम्य साहस की जीवंत याद दिलाते हैं.

रक्षामंत्री बोले- BSF और सेना का समर्पण अतुलनीयमंदिर दर्शन के बाद रक्षामंत्री ने कहा कि तनोट माता के दर्शन कर वे गौरवान्वित और कृतार्थ महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह स्थान भारतीय सेना और सीमा सुरक्षा बल के साहस, श्रद्धा और बलिदान की प्रतीक भूमि है. सिंह ने BSF अधिकारियों और जवानों के शौर्य, निष्ठा और राष्ट्र सेवा के प्रति अटूट समर्पण की प्रशंसा करते हुए कहा कि मातृभूमि की रक्षा में उनका योगदान अतुलनीय है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि देश की सीमाओं पर तैनात हमारे जवानों की वीरता और तपस्या ही भारत की सुरक्षा की सबसे बड़ी ताकत है. तनोट माता के आशीर्वाद से यह जज्बा सदैव अमर रहेगा.

Anand Pandey

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल…और पढ़ें

नाम है आनंद पाण्डेय. सिद्धार्थनगर की मिट्टी में पले-बढ़े. पढ़ाई-लिखाई की नींव जवाहर नवोदय विद्यालय में रखी, फिर लखनऊ में आकर हिंदी और पॉलीटिकल साइंस में ग्रेजुएशन किया. लेकिन ज्ञान की भूख यहीं शांत नहीं हुई. कल… और पढ़ें

Location :

Jaipur,Rajasthan

First Published :

October 24, 2025, 21:53 IST

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