Delhi: एक ही झटके में केजरीवाल सरकार ने 95 नर्सों की सेवाएं समाप्त कर दी, WhatsApp पर लिखा- अब आपकी जरूरत नहीं

नई दिल्ली. दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल (LNJP Hospital) के 95 नर्सिंग स्टाफ (Nursing Staff) पिछले कई दिनों से आंदलोनरत हैं. पिछले दिनों ही केजरीवाल सरकार (Kejriwal Government) ने इन सभी नर्सिंग स्टाफ की सेवाएं (Services) एक व्हाट्सएप संदेश (Whatsapp Message) के जरिए समाप्त करने का ऐलान किया था. बता दें कि सेवा से हटाए गए सभी नर्सिंग स्टाफ की नियुक्तियां पिछले साल कोरोना की तीसरी लहर के दौरान अस्थाई तौर की गई थीं. दिल्ली सरकार ने एलएनजेपी से सटे रामलीला मैदान में बने कोविड केयर सेंटर (Covid Care Centre in Delhi) के लिए इन सभी नर्सों की नियुक्ति किया था, लेकिन अब इस सेंटर को बंद कर दिया गया है. इस कोविड सेंटर के लिए ही पिछले साल मई महीने में अस्थाई तौर पर तकरीबन 300 नर्सिंग स्टाफ की नियुक्तियां हुई थीं, जिनमें से अब 95 नर्सिंग स्टाफ को बिना किसी सूचना के ही सेवा समाप्त कर दिया गया है.
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के चलते 11 महीने पहले ही इन नर्सिंग स्टाफ की भर्ती की गई थी. अब अस्पताल प्रशासन ने 95 नर्सों की एक व्हाट्सएप संदेश के जरिए सेवाएं समाप्त करने का ऐलान किया है. इस व्हाट्सएप संदेश में लिखा गया है ’14 मई 2021 को रामलीला मैदान में एक कोविड सुविधा शुरू की गई थी. इस सुविधा को सुचारू रूप से चलाने के लिए तैनात सभी कर्मचारियों ने हाथ से हाथ मिलाकर काम किया, क्योंकि अब कोरोना खत्म होने की ओर है. इसलिए रामलीला मैदान के कोविड केयर सेंटर को बंद किया जा रहा है. अब अलविदा कहने का समय है.’
गौरतलब है कि पिछले साल ही एलएनजेपी अस्पताल ने मई महीने में कोरोना काल के दौरान मैन पावर की कमी का रोना रोते 300 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ की भर्ती के लिए रिक्रूटमेंट निकाली थी.अस्पताल में 300 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ की अस्थाई भर्ती हुई थी, जिन्हें अस्पताल के साथ-साथ रामलीला मैदान में दिल्ली सरकार की ओर से बनाए गए कोविड सेंटर और अलग-अलग ड्यूटी पर लगाया गया था. अब इन 300 नर्सिंग स्टाफ में से 95 नर्सिंग स्टाफ को अस्पताल प्रशासन ने बिना किसी नोटिस के बाहर का रास्ता दिखा दिया है.

नर्सिंग स्टाफ क्यों आंदलोन कर रहे हैं?
3 मार्च 2022 को ही इन नर्सिंग स्टाफ को एक व्हाट्सएप मैसेज जरिए कहा गया था कि आपकी सेवाएं आगे जारी नहीं रहेंगी. इसलिए आप सभी को अब रामलीला मैदान के कोविड सेंटर में आने की जरूरत नहीं है. मैसेज में लिखा था कि कोरोना अब खत्म हो गया है इसीलिए उन लोगों की आवश्यकता नहीं है.
क्यों हटाया गया इन नर्सिंग स्टाफ को?
वहीं, नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि उन्हें टर्मिनेशन को लेकर कोई भी आधिकारिक लेटर नहीं दिया गया, ना ही उन्हें इसको लेकर पहले से कोई नोटिस भेजा गया. रामलीला मैदान में बनाए गए कोविड सेंटर में पिछले 11 महीनों से काम करने वाले एक नर्स ने बताया कि मई के महीने में दिल्ली सरकार के एक विज्ञापन के जरिए हमलोगों का सेलेक्शन हुआ. 300 से ज्यादा नर्सिंग स्टाफ के लिए यह विज्ञापन निकला था. 14 मई से हमलोगों ने अपनी सेवाएं देना शुरू कर दिया. रामलीला मैदान के साथ-साथ अलग-अलग जगहों पर हमलोगों की ड्यूटी लगाई गई. वैक्सीनेशन से लेकर कोरोना के मरीजों की देखरेख को लेकर हमने काम किया, लेकिन अब हमलोगों को हटाया जा रहा है.’

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बता दें कि नियुक्त किए गए इन नर्सिंग स्टाफ में से 45 नर्सिंग स्टाफ को अस्पताल में ही अलग-अलग वार्डों में लगाया गया. 35 नर्सिंग स्टाफ वैक्सीनेशन सेंटर पर काम कर रहे थे. 13 नर्सिंग स्टाफ को रामलीला मैदान में ही कोविड से संक्रमित मरीजों के लिए लगाया गया था, लेकिन 3 मार्च को 95 नर्सिंग स्टाफ को अचानक ही बिना किसी नोटिस दिए टर्मिनेट कर दिया. इन नर्सों को प्रतिदिन 2000 रुपये दिया जाता था.
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